Waqf Amendment Bill: लोकसभा में पास हुआ वक्फ संशोधन बिल, अमित शाह बोले मुसलमानों के हित में भारत सरकार का कानून, सभी को स्वीकार करना होगा

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को विधेयक सदन में पेश किया और चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि यह मुस्लिम समुदाय के हित में है। विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी मिल गई। इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की बैठक रात लगभग दो बजे तक चली। इसके अलावा मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 का निरसन करने वाला मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 भी सदन में ध्वनिमत से पारित हो गया।
विपक्ष ने उठाईं कई आपत्तियां
चर्चा के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर विचार के लिए जब किरेन रिजिजू ने प्रस्ताव रखा, तो विपक्ष के कुछ सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की। इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े। हालांकि, लॉबी क्लीयर करने के बाद कई सदस्यों को सदन में दाखिल होने देने को लेकर विवाद भी हुआ। विपक्षी सदस्यों की आपत्तियों का जवाब देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया कि नए संसद भवन में शौचालय की व्यवस्था लॉबी में ही की गई है और सिर्फ लॉबी से ही सदस्यों को अंदर आने दिया गया है। किसी को भी बाहर से आने की अनुमति नहीं दी गई है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह संविधान की मूल भावना पर आक्रमण करने वाला बिल है। उन्होंने कहा, “आज एक विशेष समाज की जमीन पर सरकार की नजर है, कल समाज के दूसरे अल्पसंख्यकों की जमीन पर इनकी नजर जाएगी। संशोधन की जरूरत है। मैं यह नहीं कहता कि संशोधन नहीं होना चाहिए। संशोधन ऐसा होना चाहिए कि बिल ताकतवर बने। इनके संशोधनों से समस्याएं और विवाद बढ़ेंगे।
विपक्ष का कहना था कि यह वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करेगा और मुसलमानों के धार्मिक मामलों में सरकार का अतिक्रमण होगा। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का विरोध किया और अपनी बात रखने के बाद अंत में विधेयक की प्रति फाड़ दी।
वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों के प्रावधान को लेकर रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एन.के. प्रेमचंद्रन द्वारा प्रस्तुत एक संशोधन पर भी मत विभाजन हुआ। उनका संशोधन 231 के मुकाबले 288 मतों से अस्वीकृत हो गया। विपक्ष के अन्य सभी संशोधनों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया। वहीं, सरकार की ओर से पेश तीन संशोधनों को सदन की स्वीकृति मिली और विधेयक में खंड 4ए तथा 15ए जोड़े गए। जिस समय विधेयक पर मतदान हो रहा था, सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोकसभा में मौजूद नहीं थे।
विधेयक से किसी का नुकसान नहीं
चर्चा का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार समाज के हर वर्ग का ध्यान रखती है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों के इन आरोपों पर आपत्ति जताई कि देश में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि इस विधेयक से किसी का नुकसान नहीं होगा। उन्होंने आज के दिन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस विधेयक से करोड़ों-करोड़ मुस्लिम महिलाएं और बच्चे लाभान्वित होंगे।
विधेयक भारतीय मुसलमानों के हित में
चर्चा के दौरान सत्तापक्ष के सांसदों ने विधेयक को अत्यंत महत्वपूर्ण और सुधारात्मक कदम बताते हुए इसे भारतीय मुसलमानों के हित में बताया। सरकार ने दावा किया कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाएगा, जिससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा और उनका दुरुपयोग रोका जा सकेगा।
CAA के बाद किसी भी मुस्लिम की नागरिकता नहीं गई
इससे पहले, चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह भारत सरकार का कानून है और इसे सभी को स्वीकार करना होगा। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह समाज में भ्रम फैला रहे हैं और मुसलमानों को डराकर उनका वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अमित शाह ने इस दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर भी विपक्ष के दावे खारिज किए। उन्होंने कहा कि सीएए लागू होने के बाद किसी भी मुस्लिम की नागरिकता नहीं गई है और अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला जैसे नेता चुनाव जीतकर लौटे हैं, जो बताता हैं कि स्थिति में सुधार हुआ है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ है और विकास और पर्यटन बढ़े हैं।
वक्फ के पास तीसरा सबसे बड़ा लैंड बैंक है
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश करने के दौरान कहा कि वक्फ के पास तीसरा सबसे बड़ा लैंड बैंक है। रेलवे, सेना की जमीनें हैं। यह सब देश की प्रॉपर्टी है। वक्फ की संपत्ति, प्राइवेट प्रॉपर्टी है। दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी हमारे देश में है। 60 साल आप सरकार में रहे, फिर भी मुसलमान इतना गरीब क्यों है? उनके लिए क्यों काम नहीं हुआ? गरीबों के उत्थान, उनकी भलाई के लिए काम क्यों नहीं हुए? हमारी सरकार गरीब मुसलमानों के लिए काम कर रही है तो इसमें क्या आपत्ति है? आप लोग जो इस बिल का विरोध कर रहे हैं, देश सदियों तक याद रखेगा कि किसने बिल का समर्थन किया और किसने विरोध किया।
सच्चर कमेटी ने भी वक्फ का डिटेल में जिक्र किया है
किरेन रिजिजू ने आगे कहा आप लोग मुसलमानों को कितना गुमराह करेंगे? देश में इतनी वक्फ प्रॉपर्टी है तो इसे बेकार में पड़ा नहीं रहने देंगे। गरीब और बाकी मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल किया ही जाना चाहिए। हमने रिकॉर्ड देखा है। सच्चर कमेटी ने भी इसका डिटेल में जिक्र किया है। 2006 में 4.9 लाख वक्फ प्रॉपर्टी थी। इनकी टोटल इनकम 163 करोड़ थी। 2013 में बदलाव करने के बाद इनकम बढ़कर 166 करोड़ हुई। 10 साल के बाद भी 3 करोड़ बढ़ी थी। हम इसे मंजूर नहीं कर सकते।
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