जनजाति कलाकारों ने जीता सभी का दिल, मंत्री जुएल ओराम ने भी सभी का दिल से किया स्वागत ,सम्मान

- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार
देश के विभिन्न राज्यों से आए जनजाति कलाकार पिछले करीब दस दिनों से सभी को आकर्षित कर रहे हैं। इस बार गणतंत्र दिवस की झांकियों में जनजाति कलाकारों ने अपने लोक नृत्य आदि से तो सभी का इतना मन मोहा कि उन्हें केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों की झांकियों में प्रथम पुरस्कार मिल गया। इनकी झांकी कि थीम थी- ‘जनजातीय गौरव वर्ष’।
राष्ट्रपति और पीएम से भेंट कर कलाकारों के चेहरे खिल उठे
इसके बाद जनजातीय कार्य मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम (Jual Oram) ने, इन कलाकारों की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Droupadi Murmu) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) से भी विशेष भेंट कराई तो इन कलाकारों के चेहरे और भी खिल उठे। यह निश्चय ही सुखद है कि गणतंत्र दिवस समारोह के बाद भी जुएल ओराम (Jual Oram) अपने इन कलाकारों को प्रोत्साहित करने के साथ उनकी कला को आगे बढ़ाने के लिए भी दिल से जुटे है।
मंत्रालय ने सभी कलाकार समूहों को सम्मानित किया
गत 31 जनवरी को इन कलाकारों के सम्मान में नयी दिल्ली के ‘पालिका सर्विसीज ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट’ (Palika Services Officers Institute) में विशेष समारोह का आयोजन रखा गया। जिसमें सभी राज्यों से आए जनजातीय कलाकार सम्मिलित हुए। जहां मंत्रालय ने सभी कलाकार समूहों को अपनी ओर से सम्मानित भी किया।

कई राज्यों के कलाकारों ने नृत्य कर समां बांध दिया
समारोह में झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और दमन और दीव के कलाकारों ने अपने नृत्य का प्रदर्शन कर समां बांध दिया। इन कलाकारों की कला का प्रदर्शन देखने और इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री दुर्गादास ऊईए (Durga Das Uikey) और सचिव विभु नायर (Vibhu Nayar) तो मौजूद थे ही।
इन राज्य मंत्रियों के साथ सांसद ने भी की शिरकत
साथ ही महिला और बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर, सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste) और आंध्र प्रदेश के अरकू संसदीय क्षेत्र की युवा सांसद गुम्मा थानुजा रानी (Gumma Thanuja Rani) ने भी समारोह में शिरकत की।


अब इन कलाकारों को भारतीय पर्यटन और संस्कृति से परिचय कराने के लिए मंत्रालय ने आगरा भी भेजा है। देखा जाए तो जनजातीय कलाकारों को ऐसे मौके बहुत कम मिल पाते हैं। यदि उन्हें इस प्रकार के बड़े मौके मिलें तो गीत-संगीत-नृत्य और कला की दुनिया में ये कलाकार भी बहुत नाम, काम और दाम कमा सकते हैं।
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