पीएम मोदी ने देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर 300 रुपये का विशेष सिक्का जारी किया, बोले अहिल्याबाई भारत की विरासत की महान संरक्षिका थीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन के दौरान लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर 300 रुपये का विशेष सिक्का जारी किया। यह सिक्का भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है और इसमें अहिल्याबाई होल्कर की उभरी हुई छवि है, जो उनकी ऐतिहासिक विरासत को सम्मान देती है। इस विशेष सिक्के की अधिसूचना वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई है।

सिक्का जारी करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने देवी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने देवी अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार भी प्रदान किया, जो इस वर्ष छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की डॉ. जयमति कश्यप को दिया गया। डॉ. कश्यप को यह सम्मान गोंडी भाषा को संरक्षित करने और महिलाओं को मानव तस्करी से बचाने के लिए उनके कार्यों के लिए दिया गया।

गौरतलब है कि अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई, 1725 को महाराष्ट्र के चोंडी गांव में हुआ था। पति और पुत्र की असमय मृत्यु के बाद उन्होंने 1767 में इंदौर की गद्दी संभाली और लगभग तीन दशकों तक शासन किया। उनके कार्यकाल को सामाजिक सुधारों, व्यापार को बढ़ावा देने, मंदिरों के पुनर्निर्माण और अधोसंरचना विकास के लिए जाना जाता है। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण जैसे कई ऐतिहासिक कार्य किए, जिससे उन्हें “मालवा की दार्शनिक रानी” (Philosopher Queen of Malwa) कहा जाता है।

भोपाल में आयोजित यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश भर में 10 दिनों से चल रही अहिल्याबाई होल्कर की जयंती से जुड़ी गतिविधियों का समापन था। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिलाओं के सशक्तिकरण और समावेशी विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी का भोपाल में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद पहला सार्वजनिक दौरा भी था। यह ऑपरेशन भारत का हालिया सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करना था।

महिलाएं नवाचार और नीति-निर्माण के केंद्र में हैं

इस अवसर पर पीएम मोदी ने भोपाल में ‘महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत की महिलाएं देश की तकनीकी और आर्थिक प्रगति की मजबूत स्तंभ बन रही हैं। उन्होंने कहा कि देश ने पुराने बंधनों को पीछे छोड़कर महिलाओं को आधुनिकता से जोड़ने का रास्ता साफ किया है और अब महिलाएं नवाचार और नीति-निर्माण के केंद्र में हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के जरिए क्रांति हो रही है और इसमें भारतीय महिलाएं बड़ी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने ‘नमो ड्रोन दीदी अभियान’ का जिक्र किया, जिसने ग्रामीण महिलाओं की आय और आत्मनिर्भरता दोनों को मजबूत किया है।

देश में लगभग 45% स्टार्टअप डायरेक्टर्स महिलाएं हैं

प्रधानमंत्री ने बताया कि विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और पायलट जैसे क्षेत्रों में महिलाएं बड़ी संख्या में आगे आ रही हैं। उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन का उदाहरण देते हुए बताया कि इसमें 100 से अधिक महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने भारत के स्टार्टअप क्षेत्र की सफलता का भी उल्लेख किया और बताया कि देश में लगभग 45% स्टार्टअप डायरेक्टर्स महिलाएं हैं, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और उद्यमशीलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं, तो उनका आत्मसम्मान और घरेलू निर्णयों में भागीदारी बढ़ती है।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने को प्राथमिकता दी

नरेन्द्र मोदी ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में उनकी सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने को प्राथमिकता दी है। वर्ष 2014 से पहले करोड़ों महिलाओं के पास बैंक खाता नहीं था, लेकिन जन-धन योजना के तहत उनके खाते खोले गए और अब सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ उन्हें मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसके 75% लाभार्थी महिलाएं हैं। इसके अलावा, 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं और मिलकर आगे बढ़ रही हैं।

‘लखपति दीदी’ योजना की सफलता का भी जिक्र किया

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘लखपति दीदी’ योजना की सफलता का भी जिक्र किया और बताया कि इस योजना के तहत तीन करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य है, जिसमें से 1.5 करोड़ से अधिक महिलाएं पहले ही लखपति बन चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत का जिक्र करते हुए बताया कि पहले महिलाएं गर्भावस्था के दौरान इलाज के लिए जाने से डरती थीं कि कहीं यह परिवार पर आर्थिक बोझ न बन जाए। लेकिन अब इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज संभव है, जिससे महिलाओं को राहत मिली है।

महिलाएं पहली बार संपत्ति की मालकिन बनी हैं

प्रधानमंत्री ने बुनियादी सुविधाओं में हुए सुधार की भी चर्चा की जैसे हर घर में नल से जल पहुंचाना, बिजली, गैस और शौचालय की सुविधा जो महिलाओं के सम्मान और जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मददगार साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि अब लड़कियां पढ़ाई पर ध्यान दे पा रही हैं क्योंकि घरेलू कामों का बोझ कम हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ घर बनाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। इससे महिलाएं पहली बार संपत्ति की मालकिन बनी हैं।

देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की महान संरक्षिका थीं

पीएम मोदी ने देवी अहिल्याबाई होल्कर को भारत की विरासत की एक महान संरक्षिका के साथ शिल्प और उद्योग की भी संरक्षिका बताते हुए कहा कि उन्होंने महेश्वरी साड़ी जैसे पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा दिया था। साथ ही उन्होंने कृषि में विविधता और खाली पड़ी जमीनों को आदिवासी व घुमंतू किसानों को खेती के लिए देने जैसे उनके प्रयासों की सराहना की।

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