हमारा लक्ष्य भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बने, विकास और प्रगति के लिए शांति अनिवार्य है, पीएम मोदी का जुनून विकास के लिए है, गोवा में बोले उपराष्ट्रपति धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बुधवार को गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह में 3 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र, दो हार्बर मोबाइल क्रेन और कोयला हैंडलिंग के लिए कवर डोम के वाणिज्यिक परिचालन का उद्घाटन किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र, विकसित भारत बने। इसके लिए प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि आवश्यक है। यह तभी संभव है जब हमारे सीमाओं पर शांति हो। आर्थिक विकास युद्ध जैसे हालातों में नहीं हो सकता। विकास और प्रगति के लिए शांति अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि आज का भारत वैश्विक आर्थिक शक्ति और समुद्री शक्ति दोनों के रूप में उभर रहा है, जो शांति, सतत विकास और प्रगति के प्रति प्रतिबद्ध है। हम पहले ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभर रहे हैं। हमारे समुद्र आज हमारे लिए पहले से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण हैं-आर्थिक दृष्टि से, सुरक्षा के लिए और व्यापार को बनाए रखने के लिए।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, “आज लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत वाली तीन परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गईं। नरेंद्र मोदी सरकार की एक विशेषता है-वे समर्पण करते हैं, मतलब काम को तेजी से पूरा करते हैं। प्रधानमंत्री का जुनून विकास के लिए है, विकास उनका मिशन है। वे तेज और बड़े पैमाने पर निष्पादन में विश्वास करते हैं। आज जिन परियोजनाओं को समर्पित किया गया है, वे भारत की बदलती छवि को परिभाषित करती हैं।”

उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में जहां वैश्विक व्यापार, सामरिक चोक प्वाइंट्स, साइबर खतरे और अंतरराष्ट्रीय अपराध आपस में जुड़े हैं, समुद्र में नियम आधारित व्यवस्था को लागू करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। यह अत्यंत आवश्यक है कि समुद्रों में नियम आधारित व्यवस्था बनी रहे। भारत की समुद्री सुरक्षा लचीली, सक्रिय और भविष्य के लिए तैयार होनी चाहिए। हमें शिपबिल्डिंग में तेजी लानी होगी और इसमें नेतृत्व करना होगा। मुझे लगता है कि हम अपने माल का लगभग 70% मूल्य के हिसाब से समुद्र के रास्ते ले जाते हैं। मांग और बढ़ेगी क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था अब छलांग नहीं, बल्कि क्वांटम जंप कर रही है। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।

इस अवसर पर उन्होंने भारतीय तटरक्षक बल की सेवा और समर्पण की प्रशंसा की और कहा कि आप हमारे समुद्री प्रहरी हैं,आप केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि हमारी अंतरात्मा भी हैं। हमारे समुद्र पृथ्वी के फेफड़े हैं, जलवायु को नियंत्रित करते हैं, जैव विविधता को सहारा देते हैं। आप लक्षद्वीप के कोरल रीफ्स, सुंदरबन के मैंग्रोव्स, ओलिव रिडले कछुओं के प्रजनन स्थल और समुद्री जीवों के प्रवासन मार्गों की रक्षा करते हैं। आप अवैध मछली पकड़ने, प्रदूषण और जहरीले अपशिष्टों से समुद्र को सुरक्षित रखते हैं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “जब 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी दुस्साहस किया गया, तब भारत ने बेहद प्रभावी तरीके से जवाब दिया। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके और बहावलपुर स्थित ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया गया, जिससे पूरी दुनिया को एक स्पष्ट संदेश मिला। यह संदेश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की धरती से दिया-अब आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सजा दी जाएगी, और सजा उदाहरण बनेगी। यह हमला अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार गहराई में हुआ, पर भारत के सिद्धांतों के अनुरूप केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया गया। कोई सबूत नहीं मांग रहा, क्योंकि आतंकवादियों के ताबूत स्वयं सबूत बनकर पूरी दुनिया के सामने आए- उन्हें उस देश की सेना, राजनीति और आतंकवादी खुद ले जा रहे थे। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के इतिहास में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।”

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