फ़िल्मकारों की बड़ी पसंद बनता मध्यप्रदेश, पिछले 4 वर्षों में 400 फिल्म प्रोजेक्ट की हो चुकी है शूटिंग
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
फिल्म संसार और मध्यप्रदेश का नाता यूं तो बरसों पुराना है। मध्यप्रदेश की धरती जहां लता मंगेशकर, किशोर कुमार, सलमान खान, रघुवीर यादव, राजीव वर्मा, आशुतोष राणा जैसे अनेक कलाकारों की जन्म भूमि रही है। वहाँ मध्यप्रदेश सिने संसार के दो दिग्गज राज कपूर और अमिताभ बच्चन की ससुराल भी रहा है। उधर मध्यप्रदेश की खूबसूरत वादियाँ भी फिल्मकारों को अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए भी सदा लुभाती रही हैं। लेकिन इधर पिछले कुछ बरसों में तो मध्यप्रदेश फिल्मों की शूटिंग के लिए फ़िल्मकारों की बड़ी पसंद बन गया है। जिससे अब यहाँ लगभग रोज ही कहीं न कहीं फिल्म, सीरियल या वेब सीरीज की शूटिंग हो रही है।
कई फिल्मों की शूटिंग मध्यप्रदेश में हो चुकी है
पुराने दौर को याद करें तो भी ऐसी कई फिल्में याद हो आती हैं जिनकी शूटिंग मध्यप्रदेश में हुई। जैसे राज कपूर की कालजयी फिल्म ‘श्री 420’, ‘तीसरी कसम’, बीआर चोपड़ा की दिलीप कुमार, वैजयंतीमाला अभिनीत फिल्म ‘नया दौर’ और सुनील दत्त की मास्टर पीस ‘मुझे जीने दो’। इनके बाद किनारा, चंबल के डाकू, मोहरा, असोका, गदर, युवा, राजनीति पान सिंह तौमर, गंगाजल, बाजीराव मस्तानी, मोहनजो दाड़ो, सुइं धागा, शेरनी और पैडमैन जैसी कितनी ही फिल्मों की शूटिंग यहाँ होती रही।
नयी फिल्म नीति लागू होने से फ़िल्मकारों का बड़ा आकर्षण
इधर मध्यप्रदेश का आकर्षण फ़िल्मकारों में तब और भी बढ़ गया जब ‘मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम बोर्ड’ ने 2020 में नयी फिल्म नीति लागू की। इस नीति के तहत जहां फिल्म शूटिंग की सभी अनुमति एकल खिड़की पर होंगी। वह भी मात्र 15 दिनों में अनुमति मिलना अनिवार्य कर दिया है। इस सबके साथ मध्यप्रदेश में शूटिंग करने पर मध्यप्रदेश पर्यटन निगम द्वारा निर्माताओं को विशेष आर्थिक सहायता भी प्रदान करता है। जिसमें फिल्म, लघु फिल्म, सीरिज या सीरियल की शूटिंग के लिए अधिकतम दो करोड़ रुपए की सब्सिडी का प्रावधान है। साथ ही शूटिंग के दौरान होटल इत्यादि में रहने पर भी अच्छी और विशेष छूट है।
पूरा मध्यप्रदेश अब एक शूटिंग हब बनकर उभर रहा है
मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक किले, महल, मंदिर, नदियां, वन, झरने सहित प्राकृतिक सौन्दर्य तो अपार है ही। इधर महाकाल का नवनिर्मित भव्य परिसर आदि भी फ़िल्मकारों के लिए स्वप्न का साकार होने सा है। इससे पूरा मध्यप्रदेश अब एक शूटिंग हब बनकर उभर रहा है। इसी के चलते मध्यप्रदेश को फिल्मों के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य (मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट-2020) का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दो वर्ष पूर्व प्रदान किया गया।
पिछले 4 वर्षों में 400 फिल्म प्रोजेक्ट की हो चुकी है शूटिंग
इस संबंध में जब मैंने मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम (MP Tourism) की अपर प्रबंध निदेशक बिदिशा मुखर्जी (Bidisha Mukherjee) से बात की तो उन्होंने बताया- ‘’मध्यप्रदेश जिस तरह फिल्मों के लिए एक आदर्श राज्य बन गया, वह निश्चय ही सुखद है। यह देख प्रसन्नता होती है कि राज्य में नयी फिल्म नीति लागू करने के बाद पिछले 4 वर्षों में राज्य में करीब 400 फिल्म प्रोजेक्ट्स की शूटिंग हो चुकी है। जिनमें फिल्म, वृत्त चित्र, सीरीज और सीरियल शामिल हैं। हमारे यहाँ शूटिंग के लिए देश भर से तो फ़िल्मकार आ ही रहे हैं। विदेशी फ़िल्मकारों को भी मध्यप्रदेश काफी आकर्षित कर रहा है। दक्षिण के फ़िल्मकार भी जबलपुर और उसके आस पास के क्षेत्र में लगातार शूटिंग कर रहे हैं।‘’
स्त्री-2, लापता लेडीज, ओएमजी-2 के साथ भूल भुलइयाँ-3 की भी हुई है शूटिंग
उधर पर्यटन निगम (MP Tourism) के उप निदेशक फिल्म, राम कुमार तिवारी (Ram Kumar Tiwari) बताते हैं-”पिछले दो बरसों में यहाँ जिन फिल्मों की शूटिंग हुई है। उनमें देश की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हालिया फिल्म’ स्त्री-2’ (Stree 2) है तो ऑस्कर के लिए भारत की ओर से भेजी गयी फिल्म ‘लापता लेडीज’ भी।”
राम कुमार तिवारी आगे बताते हैं साथ ही ओएमजी-2, ज़रा हटके ज़रा बचके, भूल भुलइयाँ-3, दबंग-3, धाकड़, द रेलवे मैन, इंडियन-2, ए सूटेबल बॉय और व्हाइट टाइगर जैसी फिल्मों के साथ महारानी, पंचायत और गुल्लक जैसी कई वेब सीरीज और ‘एक दूजे के वास्ते’ जैसे सीरियल की शूटिंग भी यहां पिछले बरसों में हुई है। भोपाल, ग्वालियर, ओरछा, इंदौर, पंचमढ़ी, जबलपुर, चँदेरी, उज्जैन, महेश्वर और खजुराहो तो फ़िल्मकारों के लिए ‘हॉट स्पॉट’ बन गए हैं।‘’
इस फिल्म नीति की सफलता को देखते हुए बिहार, राजस्थान और जम्मू कश्मीर जैसे राज्य भी मध्यप्रदेश की इसी प्रकार की नीति का अनुसरण करने की योजना बना रहे हैं।
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