112 Years of Indian Cinema: 112 साल का हुआ भारतीय सिनेमा, तब से अब तक बदले हैं कई रंग, कुछ नाम हो गए अमर

- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
एक ओर मुंबई में विश्व के सबसे बड़े मनोरंजन शिखर सम्मेलन ‘वेव्स’ (Waves Summit 2025) की धूम है। देश-विदेश के अनेक दिग्गजों के साथ नयी प्रतिभाओं का भी वहाँ जमावाड़ा है। दूसरी ओर 3 मई को भारतीय सिनेमा के 112 साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ‘वेव्स’ (Waves) के उद्धघाटन के दौरान अपने सम्बोधन में भारतीय सिनेमा की यात्रा और इस 3 मई की विशेष तिथि के साथ दादा साहब फाल्के (Dadasaheb Phalke) का भी स्मरण किया।
जब 3 मई 1913 को भारतीय फ़िल्मकार दादा साहब फाल्के (Dadasaheb Phalke) द्वारा निर्मित देश की पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ (Raja Harishchandra) प्रदर्शित हुई तो सोचा नहीं होगा कि कभी भारतीय सिनेमा विश्व में सर्वाधिक फिल्म बनाकर नए नए आयाम बनाएगा। यह संयोग ही है कि दादा साहब फाल्के का जन्म भी 30 अप्रैल को था। आज से 155 साल पहले फाल्के भारतीय सिनेमा के पितामह के रूप में आज भी याद किए जाते हैं। हालांकि उन्हें इस दुनिया से विदा हुए 81 बरस हो चले हैं। वह शरीर के साथ तो लोगों के साथ 74 बरस ही रहे। लेकिन अपने कार्यों से वह आज भी हैं आगे भी रहेंगे।
फिल्मों के शिखर पुरस्कार का नाम भी दादा साहेब फाल्के के नाम पर
भारत सरकार ने तो फिल्मों के शिखर पुरस्कार का नाम भी दादा साहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) के नाम पर रखा। साथ ही मुंबई स्थित फिल्म सिटी का नाम भी ‘दादासाहेब फाल्के चित्रनगरी’ है। फाल्के ने अपनी करीब 25 वर्षों की फिल्म यात्रा में लगभग 100 फिल्में बनायीं। जिनमें ‘सेतु बंधन’ और ‘गंगावर्तन’ जैसी सवाक फिल्में भी हैं। यूं वह ‘राजा हरिश्चंद्र’ (Raja Harishchandra) के बाद कोई और फिल्म नहीं भी बनाते तब भी वह सिनेमा के पितामह कहलाते। क्योंकि देश में पहली मूक फिल्म बनाकर उन्होंने जो इतिहास रचा, उसी से भारत में फिल्म निर्माण की राह खुली। उसी से प्रेरित हो अन्य फ़िल्मकार भी फिल्में बनाने का साहस कर सके। उनके बाद 1931 में आर्देशर ईरानी ने देश की पहली सवाक फिल्म ‘आलम-आरा’ बनाकर नया इतिहास रचा।
112 साल की 12 शिखर की हिन्दी फिल्में
पिछले 112 साल की ओर मुड़कर देखें तो इस मायालोक ने एक से एक शानदार फिल्म अपने दर्शकों को परोसी है। जिनमें हम 112 साल की 12 शिखर की कालजयी हिन्दी फिल्मों को ही चुनें तो निश्चय ही मुश्किल होगी कि इतनी शानदार, बेहतरीन फिल्में हैं, किसे छोड़ें, किसे याद करें। फिर भी मेरी नज़र में 12 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में आवारा, मदर इंडिया, देवदास, मुगल-ए-आजम, गाइड, उपकार, शोले, उमराव जान, हम आपके हैं कौन, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएँगे, लगे रहो मुन्नाभाई और बाहुबली हैं।
हर 10 साल बाद बदलते रहे फिल्मों के विषय, रंग और अंदाज़
इस फिल्म यात्रा को देखें तो इसमें काफी उतार चढ़ाव रहे। हर दस साल बाद फिल्मों के विषय बदले, रंग और अंदाज़ बदलते रहे। तकनीक बदलती रही है। कभी फिल्में 16 एमएम में बनीं तो कभी 35 एमएम और 70 एमएम में। फिर कभी सिनेमा ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन हुआ तो कभी सिनेमा स्कोप आया। अब भी नयी नयी तकनीक आ रही हैं पीछे जैसे डॉल्बी एटमास आया, डॉल्बी विजन और डॉल्बी लेजर भी। इधर आइमेक्स ने तो फिल्म देखने का अंदाज़ बिल्कुल बदल दिया।
कितने ही फ़िल्मकार और सितारों के नाम आज भी कायम हैं
इसी तरह इस दौरान कितने ही फ़िल्मकार और सितारों के नाम आज भी कायम हैं। जैसे वी शांताराम, महबूब, के आसिफ, ताराचंद बड़जात्या, बीआर चोपड़ा और यश चोपड़ा। साथ ही राज कपूर, देव आनंद, मनोज कुमार जैसे अभिनेता और फिल्मकार।
ऐसे ही अशोक कुमार, दिलीप कुमार, सुनील दत्त, राजेन्द्र कुमार, राज कुमार, शम्मी कपूर, अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, धर्मेन्द्र जीतेंद्र, विनोद खन्ना, ऋषि कपूर, अनिल कपूर, नसीरुद्दीन शाह और ओम पूरी जैसे नायक। या फिर देविका रानी, कामिनी कौशल, मधुबाला, मीना कुमारी, नर्गिस, गीताबाली, वैजयंतीमाला, वहीदा रहमान, शर्मिला टैगोर, आशा पारेख, नूतन, मुमताज़, साधना, नन्दा, माला सिन्हा, रेखा, राखी, जया बच्चन, हेमा मालिनी, नीतू सिंह, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल, श्रीदेवी और जया प्रदा जैसे नायिका।
नए फ़िल्मकारों और कलाकारों ने भी रखी चमक बरकरार
इनके बाद भी कितने ही नए फ़िल्मकारों और कलाकारों ने फिल्म संसार की चमक और धमक बरकरार रखी। सिनेमा को नए रंग दिये। इनमें सुभाष घई, राकेश रोशन, सूरज बड़जात्या, करण जौहर, राजकुमार हिरानी, रोहित शेट्टी और एस एस राजामौली सहित और भी कई नाम हैं।
इधर माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर, काजोल, प्रीति जिंटा, रानी मुखर्जी, उर्मिला मतोंदकर, जूही चावला, रवीना टंडन, ऐश्वर्या राय, प्रियंका चोपड़ा, करीना कपूर, विद्या बालन, कटरीना कैफ, अनुष्का शर्मा, दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, कृति सेनन और रश्मिका मंदाना जैसी नायिकाएँ दिल मोहती रहीं।
तो सनी देओल, संजय दत्त, शाहरुख, आमिर, सलमान, जॉन अब्राहम, ऋतिक रोशन, अक्षय कुमार, अजय देवगन, अभिषेक बच्चन, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, आयुष्मान खुराना और विकी कौशल जैसे नायक भी अपने नए नए अवतारों में अवतरित हो रहे हैं।
Waves से भारतीय सिनेमा विश्व में एक नए शिखर पर होगा
फिर अब एआई तो फिल्मों को एक नए युग में ले जाने की तैयारी में है। मुंबई में हुए वेव्स शिखर सम्मेलन के बाद तो जल्द ही ऐसे बड़े परिणाम आने को हैं जिससे भारतीय सिनेमा विश्व में एक नए शिखर पर होगा।
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