अगर नोबेल पुरस्कार अराजकता और भ्रष्टाचार करने के लिए मिलता तो अरविंद केजरीवाल इसके सबसे बड़े दावेदार होते, बोले वीरेंद्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल द्वारा खुद के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग करना हास्यास्पद है एक भद्दा मजाक है। उन्होंने कहा “जैसा की हम जानते हैं कि केजरीवाल युवा काल से ही विदेशी फंडों से देश में अराजकता फैलाते आये हैं, उनको मैगेसय अवार्ड मिलना, उनके अमरीका की फोर्ड फाउंडेशन से रिश्ते सब संदेहास्पद रहे हैं।”
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की दिल्ली वाले केजरीवाल की नोबेल पुरस्कार की चाहना को सुन कर स्तब्ध हैं, केजरीवाल जान लें की उन्हे नोबल पुरस्कार अवश्य मिलता यदि अकर्मण्यता, अराजकता एवं भ्रष्टाचार के लिए पुरस्कार देने की श्रेणी होतीं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा “केजरीवाल ध्यान रखें की दिल्ली वाले उनके महिला विरोधी कृत्यों जैसे असहाय महिला पेंशन घोटाला, महिला सुरक्षा से जुड़ पैनिक बटन घोटाला, महिला सहयोगियों से मारपीट के कृत्य, दिल्ली में जलबोर्ड घोटाला, निजी कम्पनियों से मिलकर किये घोटाले, परिवहन घोटाले, लोकनिर्माण विभाग में साढू के साथ किए घोटाले, स्कूल रूम घोटाले, कोविड़काल घोटाले, जासूसी घोटाले शराब पॉलिसी घोटाले के आलावा शीशमहल निर्माण घोटाले को भूले नही है पर हमे केजरीवाल के लिए खेद है की इन घोटालों के लिए नोबेल पुरस्कार नही जेल मिलती है।”
वीरेन्द्र सचदेवा ने यह भी कहा “वैसे दिल्ली वाले उनकी गणतंत्र दिवस 2014 एवं स्वाधीनता दिवस 2024 से पूर्व एवं उपराज्यपाल निवास मे घुस कर की आराजकता भी याद है पर इनके लिए भी नोबेल पुरस्कार नही मिलता, इन सबकी सजा दिल्ली वाले फरवरी 2025 में दे चुके।”