हुंडई ने इंजन की टेस्टिंग के लिए उठाया ये बड़ा कदम, पर्यावरण ही नहीं 10 लाख डॉलर भी कंपनी ने बचा लिए

भारत की प्रीमियम स्मार्ट मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (Hyundai Motor India Limited) ने अपनी क्रांतिकारी कोल्ड बेड इंजन टेस्टिंग टेक्नोलॉजी की मदद से 42.5 लाख से ज्यादा इंजन की सफल टेस्टिंग करते हुए सस्टेनेबल मैन्यूफैक्चरिंग की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इंजन टेस्टिंग की इस प्रक्रिया में किसी ईंधन, कूलेंट और पानी की जरूरत नहीं होती है।
हरित भविष्य के लिए इनोवेटिव इंजन टेस्टिंग
2013 में शुरू की गई कोल्ड बेड इंजन टेस्टिंग से हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) को पारंपरिक ईंधन आधारित तरीके के बजाय नवीकरणीय स्रोत से प्राप्त बिजली का प्रयोग करते हुए इंजन की क्षमता का मूल्यांकन करने का मौका मिलता है। इस सिस्टम में कोई उत्सर्जन किए बिना सटीक तरीके से क्वालिटी पैरामीटर का पता लगाने के लिए स्मार्ट सेंसर्स का प्रयोग किया जाता है।
इस उपलब्धि को लेकर एचएमआईएल के पूर्णकालिक निदेशक एवं चीफ मैन्यूफैक्चरिंग ऑफिसर गोपालकृष्णन ने कहा, ‘हुंडई मोटर इंडिया में हम लगातार नए इनोवेशन करते हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए विश्व स्तरीय गुणवत्ता प्रदान की जा सके। बिना उत्सर्जन वाली कोल्ड बेड इंजन टेस्टिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए 42.5 लाख से ज्यादा इंजन की सफल टेस्टिंग करके हमने इको-फ्रेंडली मैन्यूफैक्चरिंग की अपनी प्रतिबद्धता को नई ऊंचाई दी है। इस प्रक्रिया की मदद से 20 लाख किलोग्राम से ज्यादा कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकने और 10 लाख डॉलर की ऑपरेशनल सेविंग्स करने में सफलता मिली है।”
गोपालकृष्णन ने यह भी कहा “हमारी पूरी तरह से ऑटोमेटेड, फ्यूल-फ्री टेस्टिंग प्रक्रिया से सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक इंजन अपने सर्वोच्च मानक के अनुरूप हो, साथ ही रेस्पॉन्सिबल मोबिलिटी के हमारे विजन को भी मजबूती मिले। हम ‘मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’ के 30वें साल का जश्न मना रहे हैं और इस मौके पर हम ऐसे एडवांस्ड सॉल्यूशंस देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनसे ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में ज्यादा हरित (ग्रीनर) और ज्यादा स्मार्ट (स्मार्टर) भविष्य को आकार मिले।’
इस उपलब्धि के प्रभाव
- शून्य उत्सर्जन: ईंधन का प्रयोग नहीं करते हुए एचएमआईएल ने 20 लाख किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन रोकने में सफलता पाई, जिससे स्वच्छ हवा एवं मोबिलिटी में कंपनी का योगदान बढ़ा है।
- लागत में उल्लेखनीय कमी: इस इनोवेशन से एचएमआईएल को परिचालन खर्च में करीब 10 लाख डॉलर की बचत करने में मदद मिली है।
- बेहतर दक्षता: मैनुअल जजमेंट की जरूरत को खत्म करते हुए इस टेक्नोलॉजी ने बेहतर दक्षता सुनिश्चित की है और यह पारंपरिक टेस्टिंग प्रक्रिया की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
कोल्ड बेड इंजन टेस्टिंग कैसे काम करती है?
एचएमआईएल द्वारा बनाए गए प्रत्येक इंजन को कोल्ड बेड इंजन टेस्टिंग स्टेशन भेजा जाता है, जहां एक इलेक्ट्रिक मोटर क्रैंकशाफ्ट को रोटेट करती है। हाई-टेक सेंसर्स परफॉर्मेंस पैरामीटर, क्रैंकशाफ्ट एंगल, इंजन कंप्रेशन, चैंबर प्रेशर को मॉनीटर करते हैं और इंजन की क्षमता को परखते हैं, जिससे ईंधन का प्रयोग किए बिना ही टॉप-टियर क्वालिटी सुनिश्चित होती है। इस इंडस्ट्री 4.0 इंट्रीग्रेटेड सिस्टम में डिजिटल तरीके से डाटा स्टोर भी किया जाता है, जिससे भविष्य में शोध एवं विकास में मदद मिलती है।
ग्रीन मैन्यूफैक्चरिंग के भविष्य को दे रहे गति
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (Hyundai Motor India Limited) की पूरी तरह से ऑटोमेटेड, जीरो इमिशन इंजन टेस्टिंग प्रक्रिया से सस्टेनेबिलिटी एवं इनोवेशन को लेकर कंपनी की प्रतिबद्धता की झलक दिखती है। कंपनी लगातार इस उद्योग में नए मानक स्थापित कर रही है और यह उपलब्धि भविष्य के लिए प्रोडक्ट एवं प्रोसेस दोनों ही मामलों में ज्यादा स्वच्छ और ज्यादा दक्ष टेक्नोलॉजी विकसित करने की एचएमआईएल की दृढ़ता को दिखाती है।
कोल्ड बेड इंजन टेस्टिंग उन कई कदमों में से एक है, जो एचएमआईएल ने बेहतर भविष्य की दिशा में उठाए हैं। 2045 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने के हुंडई के ग्लोबल विजन के अनुरूप बढ़ते हुए एचएमआईएल (Hyundai Motor India Limited) ने स्मार्टर एवं ग्रीनर ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को आकार देने की दिशा अहम कदम उठाए हैं।