दिल्ली की होम्योपैथिक डॉ. मंदाकिनी शर्मा ‘यूथ आइकॉन अवार्ड’ से सम्मानित

नयी दिल्ली, कृष कुमार। हाल ही में नागपुर में आयोजित ‘राष्ट्रीय होम्योपैथिक परिषद’ समारोह में देश-विदेश के कुछ प्रमुख होम्योपैथिक चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को सम्मानित किया गया। जिनमें दिल्ली की प्रसिद्द होम्योपैथिक फिजीशियन डॉ. मंदाकिनी शर्मा को भी उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘यूथ आइकॉन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन जाने माने होम्योपैथिक दवा निर्माता ‘बर्नेट होम्योपैथिक’ ने किया था। इस दो दिवसीय होम्योपैथिक समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी थे।

यूं नागपुर के कविवर्य सुरेश भट्ट सभागृह में आयोजित इस समारोह में, जहां केंद्रीय राज्यमंत्री अश्वनी चौबे,आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े, होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राम सिंह और बर्नेट होम्योपैथिक के प्रमुख डॉ नीतिश चंद्र दुबे उपस्थित थे। वहाँ फिल्म संसार से आशा पारेख, हेलेन,असरानी, कैलाश खेर,हिमेश रेशमिया, रोहित रॉय और संतोष आनंद जैसी हस्तियों की मौजूदगी से समारोह की चमक और भी बढ़ गयी। कैलाश खेर ने तो अपने ‘क्या कभी अंबर से सूर्य बिछड़ता है’ जैसे गीत गाकर समां बांध दिया।

कार्यक्रम के समापन पर नितिन गडकरी ने कहा- ‘’होम्योपैथिक चिकित्सा पद्द्ति लोगों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। होम्योपैथी रोग के साथ रोग के कारण को भी समाप्त कर देती है। कोरोना काल में तो होम्योपैथी और भी कारगर रही है। जिस तरह देश-दुनिया में होम्योपैथी का प्रचलन बढ़ रहा है, उससे साफ है कि होम्योपैथी का भविष्य उज्ज्वल है।‘’

पुरस्कार प्राप्त करने के बाद डॉ. मंदाकिनी शर्मा ने कहा कि अब लोगों में होम्योपैथी चिकित्सा के प्रति विश्वास और भी बढ़ गया है। इस दवा से रोगियों को लाभ तो होता ही है। साथ ही इसके सेवन से कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। इधर भारत सरकार के प्रयासों इस चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा मिलने के साथ इसके चिकित्सकों का भी समाज में सम्मान बढ़ा है।

बता दें डॉ मंदाकिनी, दिल्ली में होम्योपैथी उपचार और प्रसार के लिए पूरी तरह जुटी हैं। रोग और उपचार को लेकर वह सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करती रहती हैं।

 

 

 

 

 

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