Happy Birthday Mumtaz: मुमताज़ आज लन्दन में मना रही हैं अपना 78 वां जन्मदिन, जानिये मैंने उन्हें बधाई दी तो वह क्या बोलीं और आज भी क्यों ख़ास है यह दिग्गज अभिनेत्री

- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
दिग्गज फिल्म अभिनेत्री मुमताज़ (Mumtaz) आज 78 बरस की हो गयीं । आज मेरी उनसे फोन पर बात हुई तो वह लन्दन में हैं। मुमताज़ अपना यह जन्मदिन परिवार के साथ लन्दन में मना रही हैं . मैंने उन्हें बधाई दी तो वह बोलीं -”थैंक यू सो मच। मैं बहुत लकी हूँ क़ि आप मुझे याद रखते हैं , मुझे इतना प्यार करते हैं। आई रियलि एप्रिसिएट। बहुत बहुत शुक्रिया। आपने मेरे बर्थडे पर आर्टिकल भी लिखा। जिसे मैं पार्टी के बाद पढूंगी। मेरा बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए मेरे परिवार के सभी सदस्य यहाँ पहुंचे हुए हैं। आपका एक बार फिर बहुत बहुत बहुत शुक्रिया । आप मुझसे इतना प्यार करते हैं। थैंक यू सो मच फॉर लविंग मी
मुमताज़ (Mumtaz) हिन्दी सिनेमा की एक ऐसी नायिका रही हैं जिन्होंने अपने फिल्म करियर में कई ऐसे इतिहास रचे, जो आज भी सभी को हैरान करते हैं। मुंबई की एक स्लम बस्ती में 1947 को जन्मी मुमताज़ (Mumtaz) ने अपनी लग्न, मेहनत और प्रतिभा के बल पर अपनी ही नहीं सिनेमा की दुनिया भी बदल दी थी।
अपने समय की दिलकश और बेहद लोकप्रिय अभिनेत्री मुमताज़ (Mumtaz) चाहे अब मुंबई में बहुत कम रहती हैं और विदेशों में ज्यादा। लेकिन उनसे अक्सर फोन- व्हाट्सएप पर मेरी बातचीत होती रहती है। मुमताज़ (Mumtaz) जिस साफ़गोई और खुले दिल से बात करती हैं, वह सब दिल मोह लेता है। कुछ दिन पहले भी जब मेरी मुमताज़ (Mumtaz) से बात हुई थी तो मैंने उनसे पूछा कि इस बार आप अपना जन्म दिन कहाँ मना रही हैं? तो उन्होंने बताया था–‘’इस बार मैं अपना जन्म दिन लन्दन में मना रही हूँ. मैं लन्दन पहुँच चुकी हूँ। मेरे परिवार के और सभी लोग जल्द ही यहाँ पहुँचने वाले हैं। ’
मुमताज़ को मैं जन्मदिन पर हर साल बधाई देता हूँ
मुमताज़ (Mumtaz) को मैं उनके जन्मदिन पर हर साल बधाई देता हूँ। यह संयोग ही है कि मेरा जन्मदिन 29 जुलाई को होता है तो उनका दो दिन बाद 31 जुलाई को। यह बात जब दो बरस पहले मैंने मुमताज़ (Mumtaz) को बताई तो वह बोलीं-‘’ क्या इत्तफाक है कि आपका और मेरा बर्थडे बिल्कुल पास पास है, ए वेरी हैप्पी बर्थडे टू यू।‘’
कुछ बरसों से युगांडा में मना रही थीं जन्मदिन
पिछले कई बरसों से मुमताज़ (Mumtaz) ने अपना जन्म दिन मुंबई में नहीं मनाया। पिछले तीन चार बरसों से तो वह अपना जन्मदिन युगांडा में मना रही थीं। जहाँ उनका एक बड़ा साम्राज्य है। इस बार अपने जन्म दिन समारोह के लिए लन्दन को चुना है। आज मुमताज़ (Mumtaz) के देश विदेश में अपने कई आशियाना हैं। लेकिन कभी यही मुमताज़ (Mumtaz) पैसे पैसे को मोहताज़ थीं। फिल्मों में उनका लंबा संघर्ष रहा।
शुरुआत में दारा सिंह के साथ ज़मीं जोड़ी, 16 फिल्में कर बना दिया था रिकॉर्ड
मुमताज़ (Mumtaz) जब 12 साल की थीं तभी उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। कभी एक्स्ट्रा कलाकार तो कभी छोटी सहायक भूमिकाओं में मुमताज़ (Mumtaz) ने करीब 25 फिल्में कीं। नायिका के रूप में मुमताज़ (Mumtaz) को पहला मौका 1963 में दारा सिंह (Dara Singh) के साथ फिल्म ‘फौलाद’ में मिला। यह फिल्म सफल हुई तो मुमताज़ (Mumtaz) की दारा सिंह के साथ ऐसी जोड़ी ज़मीं कि दोनों ने एक साथ 16 फिल्में करके एक रिकॉर्ड बना दिया। जिनमें टार्जन, सैमसन, किंग काँग, डाकू मंगल सिंह, हरक्युलिस और रुस्तम ए हिन्द जैसी फिल्में शामिल हैं। इससे मुमताज़ (Mumtaz) को नायिका के रूप में काम तो बहुत मिल गया लेकिन वह स्टंट फिल्मों की हीरोइन बनकर टाइपकास्ट हो गईं। तब कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि यही मुमताज़ (Mumtaz) जल्द ही शिखर की अभिनेत्री बन जाएगी।
‘दो रास्ते’ से बिंदिया चमकने के साथ मुमताज़ की ज़िंदगी भी चमकी
असल में दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की डबल रोल वाली फिल्म ‘राम और श्याम’ (Ram Aur Shyam) में वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) के साथ शांता की भूमिका में सायरा बानो (Saira Banu) को लिया जाना था। लेकिन दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने कहा शांता का रोल नाजुक सी सायरा पर नहीं जमेगा। तब यह रोल मुमताज़ (Mumtaz) को मिला। 1967 में आई इस फिल्म ने मुमताज़ (Mumtaz) की ऐसी ज़िंदगी बदली कि देखते देखते वह हर हीरो की पसंद, दर्शकों के दिलों की धड़कन बन गयी।
राजेश खन्ना-मुमताज़ उस दौर की सुपर हिट जोड़ी बन गयी
यहाँ यह भी दिलचस्प है कि ‘राम और श्याम’ से पहले मुमताज़ (Mumtaz) करीब 40 फिल्में कर चुकी थीं। जबकि नायिका के रूप में पहली शानदार सफलता उन्हें राज खोसला की फिल्म ‘दो रास्ते’ से मिली। इस फिल्म में राजेश खन्ना-मुमताज़ (Rajesh Khanna-Mumtaz) पहली बार साथ आए और इस फिल्म ने सफलता-लोकप्रियता का ऐसा परचम लहराया कि यह जोड़ी उस दौर की सुपर हिट जोड़ी बन गयी। ‘दो रास्ते’ में मुमताज़ (Mumtaz) पर फिल्मांकित एक गीत था-‘बिंदिया चमकेगी’, इसी के साथ मुमताज़ (Mumtaz) भी ऐसी चमकीं कि उन्होंने पूरी फिल्म इंडस्ट्री का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
मुमताज़ (Mumtaz) की जोड़ी यूं तो दारा सिंह, धर्मेन्द्र, देव आनंद, फिरोज खान और जीतेंद्र जैसे नायकों के साथ भी लोकप्रिय हुई। लेकिन राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा मशहूर हुई। खन्ना (Rajesh Khanna) के साथ मुमताज़ (Mumtaz) ने 8 फिल्मों में काम किया। जिनमें दो रास्ते के अलावा बंधन, सच्चा झूठा, दुश्मन, अपना देश, रोटी, आपकी कसम और प्रेम कहानी फिल्में हैं।
करियर में कुल लगभग 100 फिल्में कीं
इधर हम मुमताज़ (Mumtaz) के करियर का विश्लेषण करें तो मुमताज़ (Mumtaz) ने अपने फिल्म करियर में कुल लगभग 100 फिल्में कीं। जिनमें लगभग 60 फिल्में हिट या सुपर हिट रहीं। जहां ‘रूप तेरा मस्ताना’ में मुमताज़ (Mumtaz) ने डबल रोल भी किया। वहाँ ‘खिलौना’ फिल्म के लिए तो मुमताज़ (Mumtaz) को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला।
करियर के पीक पर की शादी
मुमताज़ (Mumtaz) ने जब 1974 में मयूर मधवानी (Mayur Madhvani) से शादी करके फिल्मों को अलविदा कहा था तब उनका करियर पीक पर था। ‘चोर मचाये शोर’, ‘रोटी’ और ‘आपकी कसम’ जैसी उनकी तीन सुपर हिट फिल्में उसी साल रिलीज हुईं थीं।
आज भी मुमताज़ का जादू बरकरार है
जबकि ‘प्रेम कहानी’ और ‘नागिन’ उनकी शादी के बाद 1975-1976 में प्रदर्शित हुईं। उधर बतौर नायिका मुमताज़ (Mumtaz) की आखिरी और यादगार फिल्म ‘आइना’ 1977 में प्रदर्शित हुई। शादी के 13 साल बाद मुमताज़ (Mumtaz) ने बस एक ही फिल्म की-‘आंधियां’। निर्माता पहलाज निहालानी (Pahlaj Nihalani) की 1990 में रिलीज इस फिल्म में शत्रुघन सिन्हा (Shatrughan Sinha) उनके साथ थे। लेकिन तब तक मुमताज़ (Mumtaz) का चेहरा मोहरा काफी बदल चुका था। फिर वह फिल्म चली भी नहीं। तब से अब तक मुमताज़ (Mumtaz) फिल्मों से पूरी तरह दूर हैं। लेकिन मुमताज़ (Mumtaz) का करियर इतना शानदार रहा है कि आज भी उनका जादू बरकरार है।