Happy Birthday Madhuri Dixit: 56 की हुईं माधुरी दीक्षित, बढ़ती उम्र के बावजूद भी कैसे बनी हैं ‘धक-धक’ गर्ल, जानिए

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

माधुरी दीक्षित से मेरी पहली मुलाक़ात 1984 में मुंबई में राजश्री प्रॉडक्शन के ऑफिस में हुई थी। तब मैं वहाँ फ़िल्मकार ताराचंद बड़जात्या से मिलने गया तो माधुरी उनके सामने बैठी थीं। बड़जात्या साहब ने मुझे माधुरी से मिलाते हुए कहा- यह माधुरी दीक्षित हैं। हमारी फिल्म ‘अबोध’ की नायिका।

पतली दुबली, बेहद साधारण सी दिखने वाली माधुरी को देख मैं हैरान हुआ। मुझे लगा कि क्या बात है राजश्री वालों को अपनी फिल्म के लिए कोई हीरोइन नहीं मिली जो इस लड़की को ले लिया। लेकिन मैं नहीं जानता था कि यही माधुरी आने वाले समय में हिन्दी सिनेमा में एक नया इतिहास लिख देगी।

माधुरी ने दिन रात मेहनत करके, अपनी खामियों को दूर कर,अपने अभिनय और रूप दोनों में बहुत बदलाब किए। उसी का नतीजा है कि वही माधुरी अब फिल्मों में अपने 39 साल पूरे करके, आज जब 56 साल की हो गयी हैं, तब भी उनका जादू बरकरार है। आज भी वह ‘धक धक गर्ल’ हैं। माधुरी की गिनती सिनेमा के 110 साल के इतिहास में देश की 10 सर्वश्रेष्ठ नायिकाओं में होती है। सिर्फ अभिनय ही नहीं उनका नृत्य और सौन्दर्य भी सिर चढ़ कर बोलता है। फिर बड़ी बात यह भी है कि बढ़ती उम्र के साथ उनका सौन्दर्य और निखार रहा है।

मुंबई में 15 मई 1967 को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मी माधुरी के  पिता शंकर दीक्षित पेशे सी इंजीनियर थे। जबकि माँ स्नेहलता दीक्षित एक गृहणी होने के साथ शास्त्रीय नृत्य और गायन में अच्छी ख़ासी दिलचस्पी रखती रही हैं। माधुरी अपने चार बहन भाइयों में सबसे छोटी हैं। इसलिए उन्हें परिवार में सभी का खूब प्यार मिला।

माधुरी 3 बरस की थीं कि उनकी मम्मी ने उन्हें कथक नृत्य सीखाना शुरू कर दिया था। इसके बाद 17 बरस की उम्र में ही माधुरी को पहली फिल्म ‘अबोध’ मिल गयी। लेकिन अपनी पहली फिल्म न चलने पर माधुरी को जब बहुत दुःख हुआ तो उनकी माँ ने ही उन्हें हिम्मत बंधायी।

‘अबोध’ के चार साल बाद 1988 में फ़िल्मकार एन चंद्रा की ‘तेज़ाब’ में जब माधुरी,अनिल कपूर के साथ आईं तो वह सुपर हिट हो गईं। फिल्म के गीत ‘एक दो तीन’ पर किये माधुरी के डांस ने उन्हें सुपर स्टार बना दिया।

कोरियोग्राफर सरोज खान की तो माधुरी सबसे पसंदीदा नायिका थीं। सन 2004 में जब सरोज खान को फिल्म ‘देवदास’ के गीत ‘डोला रे डोला’ की कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, तब मैं उस समारोह में मौजूद था। डोला रे डोला में माधुरी और ऐश्वर्या दोनों थीं। मैंने सरोज खान से पूछा कि आपकी नज़र में इन दोनों में बेस्ट डांसर कौन है ? इस पर सरोज खान ने तपाक से कहा- अफ़्कोर्स माधुरी।

माधुरी अब तक करीब 70 फिल्में कर चुकी हैं। जिनमें दयावान, दिल, साजन, बेटा, खलनायक, अंजाम से लेकर हम आपके हैं कौन, पुकार, लज्जा, याराना, दिल तो पागल है, देवदास और ढेढ़ इश्किया जैसी बहुत सी शानदार फिल्में हैं।  अपनी विभिन्न उपलब्धियों के लिए माधुरी को अब तक विभिन्न 25 पुरस्कार मिल चुके हैं। जिनमें पदमश्री और 6 फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल हैं।

माधुरी दीक्षित ने जब 17 अक्तूबर 1999 को लॉस एंजेल्स अमेरिका में, भारतीय मूल के डॉक्टर श्रीराम माधव नेने से विवाह रचा लिया। तब सभी को हैरानी हुई थी। शादी के बाद वह अमेरिका में ही बस गईं। लेकिन कुछ बरस बाद यश चोपड़ा ने उन्हें अपनी फिल्म ‘आजा नचले’ के लिए मुंबई बुलाया तो उनकी फिल्मों में वापसी हो गयी। वापसी में पहले तो उन्हें सफलता नहीं मिली। लेकिन बाद में उन्हें फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों दोनों ने फिर से अपना लिया।

पिछले कुछ बरसों में माधुरी से फिल्म-टीवी के सेट्स या पत्रकार सम्मेलन में कई बार मुलाक़ात होती रही है। वह हर बार बहुत अच्छे से मिलती हैं। माधुरी के अभिनय, नृत्य, हंसी, खूबसूरती आदि को देखें तो मधुबाला के वह कुछ करीब सी दिखती हैं। डांसिंग स्टार में भी उन्हें वैजयंती माला और हेमामालिनी के साथ रखा जा सकता है। लेकिन बड़ी बात यह है कि पहले नयी अभिनेत्रियाँ मीना कुमारी, मधुबाला, नर्गिस जैसा बनना चाहती थीं। जबकि अब बहुत सी नयी अभिनेत्रियाँ कहती हैं- वह माधुरी दीक्षित जैसा बनना चाहती हैं।

इन दिनों माधुरी के पास फिल्में तो नहीं हैं। लेकिन वह विज्ञापन फिल्मों के साथ वेब सीरीज भी कर रही है। साथ ही पहले ‘झलक दिखला जा’ और फिर  ‘डांस दीवाने’ जैसे टीवी शो की जज बनकर भी वह अपनी शानदार उपस्थिती दर्ज कराती रही हैं। पिछले बरस वह वेब सीरीज ‘द फेम गेम’ में अनामिका आनंद की भूमिका में आयीं तो उनके इस नए अवतार को पसंद किया गया।

उनके अभिनय के शिखर को लें तो वह 1994 का वह बरस था,जब उनकी ‘हम आपके हैं कौन’ प्रदर्शित हुई। इस फिल्म ने सफलता, लोकप्रियता के शिखर को तो छुआ ही। साथ ही तब वह उस दौर की सबसे महंगी हीरोइन भी बन गईं। फिर यह फिल्म पूरी तरह माधुरी की ऐसी फिल्म थी जिसमें उनके अभिनय के कई रंग एक साथ देखने को मिलते हैं।

माधुरी के करियर की एक खास बात यह है कि उन्होंने जहां रोमांटिक भूमिकाओं को एक नया शिखर दिया। वहाँ कॉमेडी और ट्रेजिडी में भी वह किसी से पीछे नहीं रहीं। माधुरी के नृत्य का अंदाज तो उनका दीवाना बना देता है। यही कारण है कि आज भी माधुरी धक धक गर्ल बनी हुई हैं।

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