Dheeraj Kumar: नहीं रहे जाने माने अभिनेता, निर्माता धीरज कुमार, बुधवार दोपहर मुंबई में होगा अंतिम संस्कार, कई फिल्मों और सीरियल के लिए किया जाएगा याद

- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
जाने माने अभिनेता, सीरियल निर्माता-निर्देशक और भगवान शिव के अनन्य भक्त धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) के निधन से फिल्म टीवी उद्योग में शोक की लहर है। दो दिन से बुखार से पीड़ित होने के बाद उन्हें 12 जुलाई को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में दाखिल कराया गया था। लेकिन उनका बुखार निमोनिया बनकर ऐसा बिगड़ा कि रविवार और सोमवार को उनकी स्थिति बेहद गंभीर हो गयी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। लेकिन आज मंगलवार सुबह करीब 11.45 पर उनका निधन हो गया। इसे संयोग कहें या कुछ और भगवान शिव ने अपने इस प्रिय आराधक को अपने सावन माह में ही अपने पास बुलाया है।
अभिनेता-निर्माता ही नहीं इंसान भी थे बहुत अच्छे
धीरज कुमार कोचड़ (Dheeraj Kumar Kochar) के निधन से फिल्म टीवी की दुनिया के असंख्य व्यक्ति तो दुखी हैं ही। इधर मैं व्यक्तिगत रूप से भी उनके निधन से बेहद दुखी हूँ। मेरे उनसे करीब 40 वर्षों से घनिष्ठ संबंध रहे। वह सीरियल आदि तो खूब मन से बनाते ही थे। साथ ही वह इंसान भी बहुत अच्छे थे। उनकी दिन प्रतिदिन बढ़ती प्रगति को मैंने साक्षात देखा है।

प्रतिदिन सुबह व्हाट्सऐप पर प्रेरणादायक संदेश भेजते थे
मेरी उनसे दोस्ती ऐसे थी कि मैं जब भी तीन चार दिन के लिए मुंबई जाता तो उनसे मिलने का कार्यक्रम रहता ही था। वह सदा बहुत प्रेम, प्रसन्नता और सम्मान से मिलते थे। जबकि फोन और व्हाट्सऐप पर तो उनसे नियमित संपर्क था। वह प्रतिदिन सुबह व्हाट्सऐप पर ‘गुड मॉर्निंग’ के साथ कोई एक प्रेरणादायक संदेश भेजते थे। उनका अंतिम संदेश शुक्रवार 11 जुलाई को मिला था।
पिछले 4 वर्षों से महाआरोग्य शिविर का कर रहे थे आयोजन
जहां तक उनके फिल्म करियर की बात है तो धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) पिछले 55 वर्षों से फिल्म संसार में कार्यरत थे। वह आगामी 27 सितंबर को 80 वर्ष के होने वाले थे। लेकिन उनका काम के प्रति उत्साह और जज्बा कमाल का था। वह कुछ बड़े प्रोजेक्ट पर तो काम कर ही रहे थे। साथ ही पिछले कुछ बरसों से फिल्म और मीडिया उद्योग के कल्याणार्थ पिछले 4 वर्षों से प्रति वर्ष एक महाआरोग्य शिविर का आयोजन भी कर रहे थे। इस वर्ष भी जनवरी में उन्होंने अंधेरी पश्चिम के चित्रकूट मैदान में यह महाआरोग्य शिविर का विशाल आयोजन किया था।

‘रातों के राजा’ से नायक बन कर फिल्मों में की शुरुआत
धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) ने अपने फिल्म जीवन की शुरुआत 1970 में फिल्म ‘रातों के राजा’ से की थी। इस फिल्म में वह नायक थे। इसके बाद उन्होंने नायक के रूप में कई पंजाबी फिल्में करके पंजाब फ़िलों उद्योग में भी धूम मचा दी थी। इधर हिन्दी फिल्मों में भी विभिन्न भूमिकाओं के साथ उनकी यात्रा चलती रही। रोटी कपड़ा और मकान, उधार का सिंदूर, क्रान्ति, फौजी और रंगा खुश जैसी कई हिन्दी फिल्में उन्होंने कीं।

कई यादगार और सफल सीरियल उनके खाते में हैं
लेकिन सन 1985 में धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) ने टीवी उद्योग की ओर ऐसा रुख किया कि वह टीवी सीरियल निर्माण में पूरी जुट गए। अदालत, संसार, ओम नमः शिवाय, गणेश महिमा, घर की बेटी लक्ष्मियाँ, ये प्यार न होगा कम और इश्क सुभान अल्लाह जैसे कई यादगार और सफल सीरियल उनके खाते में हैं। अपने ‘संसार’ जैसे कुछ सीरियल में तो धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) ने अभिनय भी किया।
पवन हंस में 16 जुलाई को होगा अंतिम संस्कार

उनके शोक संतप्त परिवार में उनकी पत्नी जूबी कोचर (Zuby Kochar) और पुत्र आशुतोष कोचड़ (Ashutosh Kochar) है। धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) का अंतिम संस्कार कल बुधवार 16 जुलाई दोपहर 12 बजे मुंबई के विले पार्ले के निकट स्थित पवन हंस श्मशान घाट पर होगा। पिछले दिनों कई फिल्म हस्तियों के संस्कार यहां हुए। गत 5 अप्रैल को मनोज कुमार (Manoj Kumar) का अंतिम संस्कार भी यही किया गया था। जिसमें धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) भी उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पण करने के लिए गए थे। यह विधि का खेल ही है कि अब करीब तीन महीने बाद धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) का भी इसी स्थान पर अंतिम संस्कार होगा।