CID Season 2: फिर टूटेंगे दरवाजे, फिर दिखेगी कुछ न कुछ गड़बड़, 6 साल बाद लौट आया है सीआईडी

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

कुछ ना कुछ तो गड़बड़ जरूर है। सोनी चैनल (Sony Channel) पर अब फिर यह संवाद गूंजेगा साथ ही यह भी कि, ‘दया दरवाजा तोड़’। क्योंकि सोनी चैनल (Sony Tv) एक अंतराल के बाद अपने लोकप्रिय टीवी शो ‘सीआईडी’ (CID) की वापसी करने जा रहा है। चैनल 21 दिसंबर से हर शनिवार, रविवार रात 10 बजे से ‘सीआईडी’ (CID Serial) का प्रसारण शुरू करेगा।

किसी और क्राइम शो को नहीं मिली इतनी सफलता-लोकप्रियता

टीवी चैनल्स पर यूं तो कई क्राइम ड्रामा शो आते रहे हैं। ऐसे कुछ शो सत्य घटनाओं पर भी आधारित रहे। लेकिन जितनी सफलता-लोकप्रियता ‘सीआईडी’ (CID Serial) को मिली उतनी किसी और क्राइम शो को नहीं मिली। तभी यह 20 साल तक चलता रहा।

अब 6 साल बाद ‘सीआईडी’ की वापसी

सोनी (Sony Tv) ने ‘सीआईडी’ (CID Serial) की शुरुआत 21 जनवरी 1998 को की थी। इसकी सफलता को देखते हुए चैनल ने इसे लगभग लगातार जारी रखा। लेकिन इसे एक ठहराव देने के लिए 27 अक्तूबर 2018 को बंद कर दिया गया। अब 6 साल बाद ‘सीआईडी’ (CID Serial) की वापसी हो रही है।

शो की सफलता में बड़ा योगदान शिवाजी साटम और दयानन्द शेट्टी का है

इस शो की बेशुमार सफलता में सबसे बड़ा योगदान अभिनेता शिवाजी साटम (Shivaji Satam) का है। जिन्होंने अपने शानदार अभिनय और अंदाज़ से एसीपी प्रद्युमन (ACP Padyuman) की भूमिका को इतना जीवंत कर दिया कि अधिकतर लोग उन्हें सच में सीआईडी अफसर समझते हैं। शिवाजी साटम (Shivaji Satam) के बाद जिस अभिनेता ने इस शो को दमदार बनाया वह हैं-दयानन्द शेट्टी (Dayanand Shetty)।

‘कुछ न कुछ तो गड़बड़ जरूर है’ संवाद दर्शकों के दिलों में बस गया

एसीपी प्रद्युमान (ACP Padyuman) का जहां –‘कुछ न कुछ तो गड़बड़ जरूर है’ वाला संवाद दर्शकों के दिलों में बस गया। वहाँ दया (Daya) के लिए –‘दया दरवाजा तोड़’ का संवाद भी इस शो का सदा आकर्षण रहा है। यहा तक दयानन्द शेट्टी (Dayanand Shetty) को जब रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) ने अपनी फिल्म ‘सिंघम रिटर्न’ (Singham Returns) और ‘सिंघम अगेन’ (Singham Again) में लिया तो उनका यह संवाद फिल्म में भी रखा गया।

अब कुछ और दरवाजे तोड़ने का समय आ गया है

अब जब ‘सीआईडी’ (CID Show) की वापसी हो रही है तो चैनल ने दया पर फोकस रखते हुए दरवाजा तोड़ते हुए उनका संवाद रखा है-‘’लौटकर ना आ सकूँ इतनी दूर गया नहीं, जो आसानी से मर जाये वह दया नहीं।‘’ दयानन्द (Dayanand Shetty) अपनी और शो की वापसी पर हँसते हुए कहते हैं-‘’अब कुछ और दरवाजे तोड़ने का समय आ गया है।‘’

यह भी पढ़ें- Raj Kapoor’s 100th Birthday: ग्रेट शोमैन’ राज कपूर की जन्म शताब्दी और उनके साथ अंतिम संवाद

Related Articles

Back to top button