Cannes Film Festival 2024: कान फिल्म समारोह में भारत की धूम, 30 साल बाद प्रतियोगी वर्ग में भी पहुंची भारतीय फिल्म ,ऐश्वर्या सहित कई सितारे रेड कार्पेट पर

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival) में भारत की भागीदारी यूं तो बरसों से रही है। लेकिन पहले ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai), प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) जैसी कुछ अभिनेत्रियां रेड कार्पेट पर चलकर ही भारत की उपस्थिती दर्ज करा देती थीं। लेकिन अब पिछले कुछ बरसों में कान में भारत का परचम लहराने लगा है। भारत सरकार कि ओर से सूचना प्रसारण मंत्री और सूचना प्रसारण सचिव सहित हमारी फिल्में भी यहाँ अपनी अच्छी ख़ासी उपस्थिती दर्ज कराने लगी हैं।

इन दिनों एक बार फिर कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival) में भारत की धूम साफ महसूस की जा सकती है। गत 14 मई को फ्रांस में 77 वें कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival) का आगाज हुआ। यह समारोह 25 मई तक चलेगा। इसमें भारत सरकार की ओर से सूचना प्रसारण सचिव संजय जाजू (Sanjay Jaju) ने फ्रेंच रिवेरा में आयोजित कान समारोह में पहली बार ‘भारत पर्व’(Bharat Parv) की मेजबानी की। जहां भारत की समृद्द संस्कृति, व्यंजन और हस्तशिल्प को लेकर तो एक शाम खास रही ही।

लॉन्च हुआ इफ़्फ़ी 2024 का पोस्टर

साथ ही समारोह में अक्तूबर में गोवा में होने वाले 55 वें इफ़्फ़ी यानि ‘भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह’ का पोस्टर भी जारी किया। पोस्टर को जारी करते हुए संजय जाजू के साथ फ़िल्मकार अशोक अमृतराज, गायक शान, रिची मेहता और राजपाल यादव भी मौजूद थे।

उधर ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) ने इस बार भी रेड कार्पेट पर चलकर जता दिया वह आज भी कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival) में भारत की रानी बनी हुईं हैं।

ऐश्वर्या (Aishwarya Rai Bachchan) के अलावा नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah), रत्ना पाठक शाह (Ratna Pathak Shah), प्रतीक बब्बर (Pratik Babbar), मीता वशिष्ठ (Mita Vashisht), कियारा आडवाणी (Kiara Advani), अदिति राव हैदरी (Aditi Rao Hydari) और इंदौर की आर जे करिश्मा (RJ Karishma) सहित कुछ और भारतीय भी रेड कार्पेट पर कदम ताल कर रहे हैं।

इस बार कान समारोह की एक बड़ी खास बात यह भी है कि 30 बरस बाद भारत की पायल कपाड़िया की एक हिन्दी-मलयालम फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ (All We Imagine As Light) प्रतियोगी वर्ग के पाल्मे डी पुरस्कार का हिस्सा बनी है। साथ ही भारत से जुड़ी 8 अन्य फिल्म भी समारोह में प्रदर्शित हो रही हैं। जिनमें श्याम बेनेगल की कालजयी फिल्म ‘मंडी’ के साथ ‘सन फ्लावर्स’,‘ सिस्टर मिडनाइट’, ‘इन रिट्रीट’, ‘शेमलेस’, ‘कुकी’ और ‘संतोष’ जैसी फिल्में भी हैं।

उधर 1937 से स्थापित भारतीय फ़िल्मकारों की बड़ी संस्था ‘इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स’ (IMPPA) ने भी कान में पहली बार संगठित उपस्थिती दर्ज कराई है। इंपा के माध्यम से भी कान में  करीब 12 फिल्मों के प्रदर्शन की विशेष व्यवस्था है।

इनमें हिन्दी की-‘अवनी की किस्मत’, ‘सुनो तो’, ‘हमारे बारह’, ‘बूंदी रायता’, ‘चार लुगाई’, ‘सक्षम’, ‘क्रैब इन ए बकेट’, ‘टेल ऑफ राइजिंग रानी’ और ‘काम चालू है’ जैसी फिल्में हैं।

वहीं भोजपुरी की ‘अग्निसाक्षी’ और ‘संयोग’ हैं। साथ ही गुजराती की ‘माई बेस्ट फ्रेंड दादू’ भी इन फिल्मों में शामिल हैं। इंपा के अध्यक्ष अभय सिन्हा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुषमा शिरोमणि उपाध्यक्ष अतुल पटेल और एफएमसी महासचिव निशांत उज्ज्वल सहित कुल 250 भारतीय, कान समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। जहां 19 मई को इंपा ‘भारतीय मंडप’ के एक सत्र की मेजबानी करेगा। अभय सिन्हा कहते हैं-‘’यह तो एक शुरुआत है। इंपा (IMPPA) ने भारतीय फिल्मों के लिए एक बड़े मंच की कल्पना की है। भविष्य में इसके और बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।‘’

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