डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान का प्रसारण आकाशवाणी पर, 55 वर्षों से हो रहा है आयोजन, कई दिग्गज होते रहे हैं शामिल
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के जन्मदिन की पावन स्मृति में आमंत्रित श्रोताओं के समक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान का आयोजन दिनांक 29 नवम्बर को सायं 4 बजे आकाशवाणी दिल्ली के रंग भवन सभागार में किया गया, जिसका विषय था -“वैश्विक क्षितिज पर भारत की बढ़ती भूमिका” और वक्ता थे राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश। इस व्याख्यान का प्रसारण मंगलवार 3 दिसंबर को आकाशवाणी के समूचे नेटवर्क पर रात 9 बजे किया जाएगा।
इस व्याख्यान में अपने स्वागत भाषण में बोलते हुए प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान आकाशवाणी का बहुत ही लोकप्रिय कार्यक्रम है।
1969 से डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान का आयोजन कर रहा है आकाशवाणी
1969 से निरंतर आकाशवाणी डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान का आयोजन करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले माह सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान का आयोजन किया था, जिसे महान वैज्ञानिक और इसरो के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ ने अपने शब्दों और अनुभव से सजाया था। आज हम बहुत अधिक हर्षित और उत्साहित हैं कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान को अपने कौशल, अनुभव और वाक् सिद्धि से समृद्ध करने के लिए माननीय डॉ. हरिवंश उपस्थित हैं।
नये आकाश को छू सकेगा व्याख्यान
डॉ. हरिवंश अनेक वर्षों से लेखन, पत्रकारिता और समाज सेवा से जुड़े रहे हैं। आपकी वाक् क्षमता ने सभी को प्रभावित किया है। आपका समूचा लेखन जीवन का वो बोध है, जिसकी शिराएं भारतीय संस्कृति और मानवीयता को अपनेपन में गूंथती और बांधती हैं। यह व्याख्यान डॉ हज़ारी प्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा, अज्ञेय, विष्णु प्रभाकर, हरिवंशराय बच्चन, सुंदर लाल बहुगुणा, डॉ शंकर दयाल शर्मा, अटल बिहारी वाजपेई, डॉ कर्ण सिंह, डॉ विद्यानिवास मिश्र, भीष्म साहनी, डॉ नामवर सिंह, योगी आदित्यनाथ से होते हुए आज डॉ. हरिवंश तक आकर निश्चित ही नये आकाश को छू सकेगा।
हम डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के योगदान का उचित मूल्यांकन नहीं कर सके
अपने व्याख्यान में डॉ. हरिवंश ने कहा डॉ राजेंद्र प्रसाद जिस भी भूमिका में रहे, उन्होंने अपने आपको स्थापित किया। उन्होंने 1984 में आयोजित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान में डॉ. हरिवंश राय बच्चन के एक वाक़िए के हवाले से कहा कि “हम डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के योगदान का उचित मूल्यांकन नहीं कर सके।” उन्होंने डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा अपनी पत्नी को लिखे एक संवेदनशील पत्र का भी हवाला दिया।
डॉ राजेंद्र प्रसाद की कुर्बानी अब फलीभूत हो रही है
डॉ राजेंद्र प्रसाद के आम जीवन से जुड़े अनेक रोचक प्रसंगों का उल्लेख भी इस व्याख्यान में किया। डॉ. हरिवंश ने यह भी कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद की कुर्बानी अब फलीभूत हो रही है। हमने विगत दशक में प्रगति के नये आसमान तय किए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य , सूचना, संचार, बिजली , रेल , योग, आयुर्वेद, सिनेमा, पर्यटन और फार्मेसी के क्षेत्र में हमने उतरोतर प्रगति की है। उन्होंने 165 देशों द्वारा भारतीय योग और आयुर्वेद को अपनाएं जाने का तथ्यात्मक उल्लेख भी अपने व्याख्यान में किया।
अगर राजेन्द्र प्रसाद होते तो इस उन्नति और खुशहाली पर अवश्य अभिमान करते
डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान में उपस्थित सभी आमंत्रित अतिथियों, स्कूली छात्र -छात्राओ, मीडिया गणों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने कहा कि डॉ. हरिवंश ने अपने व्याख्यान में वैश्विक धरातल पर भारत की भूमिका को बहुत ही तथ्यात्मकता के साथ प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आज अगर राजेन्द्र प्रसाद जी हमारे बीच होते तो हमारी इस उन्नति और खुशहाली पर अवश्य अभिमान करते। निस्संदेह आपके इस व्याख्यान से हमारी मेधा और साहस को नया सम्बल मिला है। इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्रसारणकर्मी जेनेन्द सिंह ने किया।