India-UK Trade Deal: पीएम मोदी ने ब्रिटेन में किया CETA समझौता, पीयूष गोयल बोले दोनों देशों के व्यापार संबंधों में ‘मील का पत्थर’ है ये करार

Edit By Kritarth Sardana. पीएम मोदी ब्रिटेन के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गुरुवार को भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर से आर्थिक भागीदारी और अवसरों के नए युग को गति मिलने वाली है। यह ऐतिहासिक व्यापार करार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री किअर स्टार्मर की उपस्थिति में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और बिजनेस एंड ट्रेड के लिए सेक्रेटरी ऑफ स्टेट जोनाथन रेनॉल्ड्स ने किया। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और यूके की चांसलर ऑफ एक्सचेकर, रचेल रीव्स भी उपस्थित थीं।

इस करार से श्रमिक-प्रधान क्षेत्रों के लिए निर्यात के अवसर खुलने वाले हैं, जिसमें कपड़ा, चमड़ा, जूते-चप्पल, रत्न और आभूषण, मत्स्य उत्पाद, खिलौने शामिल हैं। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा और कारीगर, महिलाओं के नेतृत्व वाले उपक्रम और एमएसएमई सशक्त होंगे।

भारतीय वस्तुओं को 99% टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क प्रवेश मिलेगा

भारतीय वस्तुओं को 99% टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क प्रवेश मिलने वाला है, जिसमें लगभग 100% व्यापार मूल्य का समावेश होगा, जो भारतीय वस्तुओं को अभूतपूर्व बाजार पहुंच दिलाने वाला है। यूके की ओर से पहली बार सेवा क्षेत्र में महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धता दी गई है। IT/ITeS, वित्तीय और व्यावसायिक सेवाएं, व्यवसाय सलाह, शिक्षा, दूरसंचार, आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में व्यापक पैकेज दिया गया है, जिससे उच्च मूल्य के अवसर और रोजगार सृजन को गति मिलेगी।

पेशेवरों को वैश्विक गतिशीलता बढ़ाने की सुविधा मिलेगी

इस करार के माध्यम से भारतीय पेशेवरों के लिए वैश्विक गतिशीलता बढ़ाने की सुविधा उपलब्ध होने वाली है। कांट्रैक्ट सर्विस सप्लायर्स, बिजनेस विजिटर्स, इंट्रा-कॉरपोरेट ट्रांसफरी, स्वतंत्र पेशेवर (जैसे योग प्रशिक्षक, शेफ, संगीतकार) के लिए आसान मार्ग उपलब्ध होंगे, जिससे प्रतिभा का प्रवाह और सीमा पार सहयोग सुगम होगा।

यूके में तीन वर्षों तक सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी

इस करार के तहत डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन (DCC) एक बड़ी प्रगति के रूप में सामने आया है, जिससे भारतीय कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं को यूके में तीन वर्षों तक सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी, जिससे take-home वेतन बढ़ेगा और भारतीय कंपनियों की लागत कम होगी।

भारत और यूके के संबंध वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण

यह FTA बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत की संलग्नता का एक महत्वपूर्ण चरण है और आर्थिक एकता को मजबूत करने की संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दुनिया की चौथी और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत और यूके के द्विपक्षीय संबंध वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। 6 मई 2025 को घोषित सफल वार्ताओं के परिणामस्वरूप भारत-यूके CETA करार किया गया है। दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग USD 56 अरब है, जिसे 2030 तक दोगुना करने का संयुक्त लक्ष्य है।

CETA से उद्योगों को नए अवसर मिलेंगे

CETA भारत के निर्यात को यूके में अभूतपूर्व शुल्कमुक्त पहुंच सुनिश्चित करेगा, जिससे पूरे व्यापार बास्केट का समावेश होगा। इससे श्रमिक-प्रधान उद्योगों को नए अवसर मिलेंगे जैसे कि कपड़ा, मत्स्य उत्पाद, चमड़ा, जूते-चप्पल, खिलौने, रत्न और आभूषण, साथ ही इंजीनियरिंग वस्तुएं, ऑटो पार्ट्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत चालक सेवा क्षेत्र को भी इस करार से व्यापक लाभ मिलेगा। करार से IT और IT-सक्षम सेवाएं, वित्तीय और कानूनी सेवाएं, व्यावसायिक और शैक्षिक सेवाएं, डिजिटल व्यापार क्षेत्र में बड़ा बाजार प्रवेश मिलेगा। यूके में सेवा क्षेत्र में कार्यरत भारतीय पेशेवरों, करार पर तैनात पेशेवरों, आर्किटेक्ट्स, इंजीनियर्स, शेफ्स, योग प्रशिक्षकों, संगीतकारों को सरल वीजा प्रक्रिया और आसान श्रेणियों के माध्यम से प्रवेश मिलेगा।

CETA करार दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार संबंधों का एक मील का पत्थर है

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त किया, जिससे यह ऐतिहासिक करार संभव हो सका। उन्होंने कहा “यह CETA करार दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार संबंधों का एक मील का पत्थर है, जो महत्वाकांक्षी और संतुलित ढांचा तैयार करता है। यह करार यूके में भारत के निर्यात को 99% टैरिफ लाइनों पर शुल्कमुक्त प्रवेश देता है, लगभग 100% व्यापार मूल्य को समाहित करता है – श्रमिक प्रधान क्षेत्रों को प्रोत्साहित करता है और ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाता है, जिससे 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का मंच मिलेगा।”

पीयूष गोयल ने आगे कहा “इसमें वस्तुओं और सेवाओं के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताएं हैं, साथ ही भारतीय पेशेवरों को आसान पहुंच दिलाता है। नवोन्मेषी डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन भारतीय कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं को यूके में तीन वर्षों के लिए सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट देगा, जिससे प्रतिस्पर्धात्मकता और आय में वृद्धि होगी। यह FTA किसानों, कारीगरों, श्रमिकों, MSMEs, स्टार्टअप्स, नवप्रवर्तकों को लाभ पहुंचाकर समावेशी विकास का उत्प्रेरक बनेगा और भारत की वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की यात्रा को गति देगा।”

भारतीय पेशेवरों को यूके में 3 वर्षों तक सोशल सिक्योरिटी से छूट मिलेगी

भारत ने डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन पर करार किया है। इससे भारतीय पेशेवरों और उनके नियोक्ताओं को यूके में तीन वर्षों तक सोशल सिक्योरिटी भुगतान से छूट मिलेगी, जिससे भारतीय प्रतिभा की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा।

यह करार व्यापार को अधिक समावेशी बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। महिला और युवा उद्यमी, किसान, मछुआरे, स्टार्टअप्स और MSMEs को वैश्विक वैल्यू चेन में नई पहुंच मिलेगी, नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा, सतत प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा और गैर-टैरिफ बाधाएं कम होंगी। CETA आने वाले वर्षों में व्यापार के स्तर को बड़े पैमाने पर बढ़ाएगा, रोजगार सृजन करेगा, निर्यात में विस्तार करेगा, और भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत, लचीला समर्थन देगा।

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