अजय देवगन की सफलता में पिता वीरू देवगन देखते थे अपनी सफलता, बेटे से 2 मोटर साइकिल पर सवार वाला खतरनाक सीन कराके रच दिया इतिहास

- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
वीरू देवगन (Veeru Devgan) भारतीय सिनेमा के ऐसे स्टंट और एक्शन डायरेक्टर रहे हैं जिनकी प्रतिभा और साहस के सभी कायल थे। अपने करियर में उन्होंने 80 से अधिक फिल्मों में कई ऐसी बेमिसाल फिल्में दीं, जिनके एक्शन देख दर्शक काँप उठते थे। मनोज कुमार, अमिताभ बच्चन और जीतेंद्र जैसे कई सितारे तो वीरू से ही अपनी फिल्मों से एक्शन कराते रहे। अमृतसर में एक बढ़ई के यहाँ 25 जून 1934 को जन्मे वीरू अजय देवगन यदि आज होते तो 91 साल के होते। लेकिन 27 मई 2019 को उनका निधन हो गया।
वीरू देवगन (Veeru Devgan) ने फिल्मों में सफलता पाने के लिए बहुत संघर्ष किया। वह हीरो बनना चाहते हे। लेकिन संघर्ष करते हुए वीरू ने कभी बढ़ई का काम किया तो कभी लोगों की कारें धोयीं। वह खुद तो हीरो न बन सके। लेकिन वीरू (Veeru Devgan) ने यह सोच लिया कि उनका यदि बेटा हुआ तो वह उसे जरूर हीरो बनाएँगे। हुआ भी कुछ ऐसा। वीरू (Veeru Devgan) ने अपने बेटे अजय देवगन (Ajay Devgn) को हीरो बनाकर ही दम लिया। अजय (Ajay Devgn) की पहली फिल्म थी ‘फूल और कांटे’ (Phool Aur Kaante)।
वीरू देवगन ने अपने बेटे से खतरनाक सीन कराके इतिहास रच दिया
वीरू देवगन (Veeru Devgan) चाहते थे कि उनके बेटे की इस पहली फिल्म में कुछ ऐसा हो कि अजय के काम को देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाएँ। उधर फिल्म निर्माता-निर्देशक सहित अन्य सभी को भी यह उम्मीद थी कि एक्शन डायरेक्टर का बेटा फिल्म का हीरो है तो इस फिल्म में कुछ ख़ास और अलग एक्शन देखने को मिलेंगे। लेकिन ऐसा क्या नया किया जाए? इसी सोच विचार में उस दृश्य की कल्पना की जिसे फिल्मांकित करने का साहस कोई नहीं कर सकता था। लेकिन वीरू देवगन (Veeru Devgan) ने अपने बेटे से वह खतरनाक सीन कराके इतिहास रच दिया। वह सीन था जिसमें अजय देवगन (Ajay Devgn) दो तेज गति से चलती मोटर साइकिल के बीच में एक पैर एक मोटर साइकिल पर और दूसरा दूसरी मोटर साइकिल पर रखते हुए फिल्म में अपनी एंट्री लेते हैं।
‘गोलमाल’ और ‘सन ऑफ़ सरदार’ में इसके जैसा सीन दिखाया
यह सीन इतना लोकप्रिय हुआ कि बाद में फिल्म ‘गोलमाल’ (Golmaal) में अजय देवगन (Ajay Devgn) ने ऐसा ही सीन दो कारों पर और ‘सन ऑफ़ सरदार’ (Son of Sardaar) में दो घोड़ों पर किया। ऐसे सीन को करना आ बैल मुझे मार जैसा था कि जिसमें खुद ही खतरों को दावत दी गयी। कोई और होता तो अपने बेटे से उसकी पहली ही फिल्म में ऐसा जान खतरे में डालने वाला सीन सपने में भी नहीं कराता। लेकिन वीरू (Veeru Devgan) ने किसी भी बात की परवाह किये बिना अपना बेस्ट देने के लिए यह सब करके दिखाया।
अजय की सफलता में वीरू अपनी सफलता भी देखते थे
असल में वीरू (Veeru Devgan) ने जिस तरह अजय (Ajay Devgn) के बचपन से उन्हें घुड़सवारी, एक्शन, मारधाड़, अभिनय और निर्देशन का प्रशिक्षण दिलवाकर फिल्म क्षेत्र की बारीकियां सिखायीं। अजय अपनी फिल्मों में खतरनाक से खतरनाक स्टंट सीन आसानी से कर लेते हैं, जबकि अन्य ज्यादातर अभिनेता ऐसे सीन के लिए अपने डुप्लीकेट का इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि अजय देवगन आज एक्शन फिल्मों के किंग बने हुए हैं। अजय की सफलता में वीरू (Veeru Devgan) अपनी सफलता भी देखते थे। बेटे अजय के साथ वीरू देवगन ने कई फ़िल्में कीं जिनमें ‘फूल और कांटे’ तथा ‘हिन्दुस्तान की कसम’ के साथ ‘दिल क्या करे’,‘जिगर’, ‘इश्क’, ‘दिलजले’ और ‘दिलवाले’ जैसी फ़िल्में भी हैं।
सिर में 50 टाँके लग चुके थे, शरीर की शायद ही कोई हड्डी हो जो न टूटी हो
अजय देवगन (Ajay Devgn) अपनी बातचीत में बताते रहे हैं कि उनके पिता ने खुद तो बहुत संघर्ष झेले, एक बार तो उन्हें 8 दिन तक बिना खाना खाए रहना पड़ा था। लेकिन उन्होंने मुझे मेरे बचपन से मुझे सभी सुविधाएं दीं। मेरे जन्म के बाद उनके दिन धीरे धीरे अच्छे होने लगे थे। मैंने अपने बचपन में बहुत बार देखा जब बड़े बड़े कलाकार मेरे पिता के पैर छूते थे, उनके साथ काम करना चाहते थे। वीरू देवगन (Veeru Devgan) के निधन के बाद अजय (Ajay Devgn) ने कहा था-‘’मेरे रियल लाइफ सिंघम मेरे पिता हैं। जिनके करियर में स्टंट करते करते सिर में 50 टाँके लग चुके थे। उनके शरीर की शायद ही कोई हड्डी हो जो न टूटी हो।