Abhishek Bachchan: ‘कालीधर लापता’ फिल्म की रिलीज पर अभिषेक बच्चन का क्या है 25, 50 और 75 का कनेक्शन ?

- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) इन दिनों अपनी नयी फिल्म ‘कालीधर लापता’ (Kaalidhar Laapata) के लिए फिर सुर्खियों में हैं। उनकी इस नयी फिल्म का 4 जुलाई को ज़ी-5 (Zee 5) पर प्रीमियर होने जा रहा है। ‘कालीधर लापता’ (Kaalidhar Laapata) की कहानी जहां लीक से हटकर है। वहाँ इस फिल्म के प्रोमो आदि देखकर यह अंदाज़ लगाया जा रहा है कि अभिषेक (Abhishek Bachchan) के करियर में यह फिल्म एक और मील का पत्थर साबित हो सकती है।
अभिषेक बच्चन ने फिल्मों में किए 25 वर्ष
अभिषेक (Abhishek Bachchan) जहां फरवरी में अपने जीवन के 50 वर्ष पूर्ण करने जा रहे हैं। वहाँ अपने करियर के 25 वर्षों में वह अब तक कुल लगभग 75 फिल्में कर चुके हैं। इसी 25, 50 और 75 के छोर पर उनकी फिल्म ‘कालीधर लापता’ (Kaalidhar Laapata) आ रही है। अभिषेक (Abhishek Bachchan) की अब तक की अभिनय यात्रा को देखें तो उसमें कई उतार चढ़ाव रहे हैं। इस दौरान जहां अभिषेक (Abhishek Bachchan) को कभी अच्छी सफलता मिली तो कभी ऐसे भी हुआ कि उनके पास काम ही नहीं रहा। इसलिए अभिषेक (Abhishek Bachchan) को लेकर कई तरह के सवाल उठने के साथ कुछ किन्तु-परंतु भी होते रहे।
कई हिट फिल्मों के साथ कुछ माइल्स स्टोन भी बनी
लेकिन इस सबके बावजूद अभिषेक (Abhishek Bachchan) ने जहां कई हिट फिल्में भी दीं। तो कुछ ऐसी फिल्में भी जो उनके अच्छे अभिनय को मान्यता दिलाने के साथ उनके करियर में ‘माइल्स स्टोन’ भी बन गयी हैं। उनके करियर की मील का पत्थर फिल्मों में युवा, गुरु, सरकार, दोस्ताना, धूम, बंटी और बबली, पा, बोल बच्चन, दसवीं और बॉब बिस्वास के नाम लेना चाहूँगा। ये दस फिल्में साबित कर चुकी हैं कि यदि अभिषेक (Abhishek Bachchan) को अच्छी भूमिकाएँ मिलें तो वह अपना दम खम दिखा सकते हैं।
अभिषेक को बचपन से देख रहा हूँ
अभिषेक (Abhishek Bachchan) को मैं उनके बचपन से देख रहा हूँ। पहली बार मैंने अभिषेक (Abhishek Bachchan) को तब देखा जब वह सिर्फ एक साल के थे। इसके बाद जब अभिषेक सिर्फ 5 साल के थे तब मैंने उनसे बहुत सारी बातें कीं। यह बात 1981 की है जब दिल्ली में फिल्म ‘सिलसिला’ की शूटिंग चल रही थी। तब पूरा बच्चन परिवार दिल्ली के ओबेरॉय होटल में ठहरा हुआ था। अपने बचपन में अभिषेक (Abhishek Bachchan) बेहद शर्मिले थे। जबकि उनकी बहन श्वेता खूब बातें करती थीं।

अमिताभ बच्चन के पुत्र होने के लाभ के साथ नुकसान भी हुआ
बाद में अभिषेक (Abhishek Bachchan) ने जब सन 2000 में ‘रिफ़्यूजी’ से फिल्मों में पदार्पण किया तब वह 24 बरस के हो चले थे। शुरू में अभिषेक (Abhishek Bachchan) को सफलता नहीं मिली। उनकी कुछ फिल्में कतार से फ्लॉप हो गईं। लेकिन ऐसा अमिताब बच्चन (Amitabh Bachchan) के साथ भी हुआ था। पर बाद में फिल्म ‘ज़ंजीर’ से अमिताभ (Amitabh Bachchan) ने दर्शकों को ऐसा बांधा कि आज तक दर्शक उनसे पूरी तरह बंधे हुए हैं। लेकिन अभिषेक (Abhishek Bachchan) को जहां अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के पुत्र होने का लाभ मिला। वहाँ इसी कारण नुकसान भी बहुत हुआ। क्योंकि लोग अक्सर अभिषेक (Abhishek Bachchan) की तुलना अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) से करने लगते हैं। जो कि न्याय संगत नहीं है। जिस तरह राज कपूर का कोई बेटा राज कपूर जैसा नहीं बन सकता है। न ही देव आनंद का बेटा देव आनंद जैसा। तब अमिताभ बच्चन का बेटा अमिताभ बच्चन जैसा कैसे बन सकता है ? अमिताभ बच्चन को जो शिखर मिला है वह अद्धभुत है, अकल्पनीय है। उन जैसा कोई और नहीं हो सकता। इसलिए अमिताभ अपनी जगह हैं, अभिषेक अपनी जगह।
दिलचस्प है ‘कालीधर लापता’ फिल्म की कहानी
बहरहाल अब उनकी नयी फिल्म ‘कालीधर लापता’ (Kaalidhar Laapata) की बात करें तो यह एक ऐसे मध्यम आयु के व्यक्ति कालीधर की कहानी है जो स्मरण शक्ति खोने, ठुकरा दिये जाने और उम्रभर के मौन विश्वासघातों से जूझ रहा है। जब उसे अपने बहन भाइयों की यह निर्मम योजना पता लगती है कि वे उसे महाकुंभ के मेले में छोड़ आएंगे। तो वह विचलित हो उठता है। यह षड्यंत्र जान वह स्वयं ही गायब हो जाता है। तभी उसकी मुलाक़ात एक 8 वर्षीय अनाथ बालक बल्लु से हो जाती है। तब ये दोनों अपनी नयी यात्रा पर निकल पड़ते हैं।
कालीधर ऐसा किरदार जिसे ज़िंदगी ने हाशिये पर ला दिया
ग्रामीण और प्रकृतिक सुंदरता की पृष्ठभूमि पर यह फिल्म इस असामान्य जोड़ी की ज़िंदगी के कई ऐसे पल दिखाती है जो दिल को छू जाते हैं। फिल्म की निर्देशिका मधुमिता कहती हैं-‘’अपनी इस फिल्म के माध्यम से मैं एक ऐसी कहानी कहना चाहती थी जो व्यक्तिगत भी और सार्वभौमिक भी। कालीधर एक ऐसा किरदार है जिसे हम जीवन में कभी न कभी मिले हों। या स्वयं भी कालीधर जैसी स्थिति में रहे हों। वह एक ऐसा किरदार है जिसे ज़िंदगी ने हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया है। फिर भी उसके भीतर एक शांत लेकिन एक अडिग हिम्मत की ज्योत जलती दिखती है।‘’
अमिताभ बच्चन भी खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं
उधर अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) तो अपनी इस फिल्म से अच्छे खासे उत्साहित हैं ही। साथ ही पिता अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) भी अपने पुत्र के इस फिल्म में किए गए अभिनय की खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं।
फिल्म नहीं एक आत्मिक अनुभूति है- अभिषेक
अभिषेक (Abhishek Bachchan) कहते हैं-‘’ कालीदास जैसी भूमिका की तलाश मुझ जैसे कलाकार को हमेशा रही है। मेरे लिए यह सिर्फ एक फिल्म नहीं एक आत्मिक अनुभूति है। फिर फिल्म में बल्लु का किरदार हमको बताता है कि ज़िंदगी में अनपेक्षित दोस्ती भी कभी सबसे गहरे सबक सीखा जाती है। मैं पिछले कुछ समय से अपने लिए ऐसी ही कहानियाँ ढूंढ रहा हूँ।‘’
भोपाल को अपना दूसरा घर मानते हैं अभिषेक
फिल्म ‘कालीधर लापता’ (Kaalidhar Laapata) की काफी शूटिंग भोपाल और उसके आसपास हुई तो कुछ शूटिंग ओरछा में भी। ये शूटिंग स्थल आजकल बहुत से फ़िल्मकारों के प्रिय बने हुए हैं। उधर भोपाल तो अभिषेक (Abhishek Bachchan) का ननिहाल भी है। इसलिए अभिषेक (Abhishek Bachchan) भोपाल को अपना दूसरा घर मानते हैं।