शी जिनपिंग के रूस दौरे से अमेरिका यूरोप में खलबली

  • प्रदीप सरदाना                                                                                                                                       

    वरिष्ठ पत्रकार               

चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से मिलने के लिए मॉस्को जा रहे हैं। जहां वह 20 से 22 मार्च के बीच रहेंगे।

जिनपिंग के इस रूस दौरे से अमेरिका औऱ यूरोप के कई देशों में खलबली मच गई है। यूक्रेन तो इससे सकते में आ गया है। कुछ दिन पहले जब अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन अचानक यूक्रेन पहुंच गए थे तो इससे रूस चिंतित भी हुआ था और हैरान भी। लेकिन इससे यूक्रेन की ताकत और हिम्मत बढ़ गयी थी।

अब जिनपिंग का मॉस्को (Moscow) जाना इस कड़ी में, अमेरिका (America) के लिए ईंट का जवाब पत्थर से मिलने जैसा है। एक बरस से अधिक से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्द को लेकर चीन ने रूस की निंदा नहीं की है। अब शी का पुतिन से मिलने के लिए रूस पहुंचना, चीन का अप्रत्यक्ष रूप से रूस को बड़ा समर्थन मिलने जैसा है।

एक तरफ यह सब चीन रूस की दोस्ती दिखाता है। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि चीन, रूस को आधुनिक हथियार भी उपलब्ध कराएगा। यदि रूस को आर्थिक सहायता की जरूरत हुई तो उससे भी चीन पीछे नहीं हटेगा। उधर एक ओर यह भी चर्चा भी है कि चीन, रूस से बात करके इस युद्द को बंद भी करा सकता है।

इसके लिये जिनपिंग यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति जेलेन्सकी (Zelenskyy) से मॉस्को पहुंच वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात भी कर सकते है। कहीं व्यक्तिगत मुलाकात भी। लेकिन इस बात की संभावना बहुत कम लग रही है कि जिनपिंग सच में इस युद्द को रुकवाना चाहेंगे। हां भारत पहल करे तो पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की बातचीत से यह युद्द रुक सकता है। पीएम मोदी के पुतिन और जेलेन्सकी से तो अच्छे रिश्ते हैं ही। अमेरिका को भी भारत अपनी बात पर सहमत कराने का दमखम रखता है।
फिर भी सभी की पैनी नज़र 20 से 22 मार्च के बीच मॉस्को, पुतिन और जिनपिंग पर लगी रहेंगी। रूस- यूक्रेन के युद्द में चीन की इस एंट्री से यह युद्द एक नए खतरनाक मोड़ पर भी पहुंच सकता है।

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