Wagle Ki Duniya: दिल को छू रहा है सीरियल ‘वागले की दुनिया’
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
कुछ टीवी निर्माता अपने सीरियल का निर्माण जिस भव्यता और खूबसूरती से कर रहे हैं, उसे देख उन्हें प्रणाम करने का मन करता है। जिसकी एक बड़ी मिसाल सोनी सब (Sony Sab) का सीरियल ‘वागले की दुनिया’ (Wagle Ki Duniya) भी है। यह सीरियल अपने निर्माण, निर्देशन, कथानक और बेहतरीन अभिनय की बदौलत फिल्मों की भी मात दे रहा है।
सीरियल का निर्माण वह जे डी मजीठिया (Jamnadas Majethia) और आतिश कपाड़िया (Aatish Kapadia) कर रहे हैं जो अपने ‘खिचड़ी (Khichdi) जैसे सीरियल से पीएम मोदी (PM Modi) को भी प्रभावित कर चुके हैं। ‘खिचड़ी’ (Khichdi) पर फिल्म भी बनी और अब ‘खिचड़ी-2’ (Khichdi 2) भी आ रही है।
इसके अलावा उनका ‘साराभाई वर्सेज़ साराभाई’ (Sarabhai vs Sarabhai) भी खूब लोकप्रिय हुआ। लेकिन इन दिनों ‘वागले की दुनिया’ (Wagle Ki Duniya) दिलों को छू रहा है। मैंने 1988 में दूरदर्शन पर प्रसारित ‘वागले की दुनिया’ (Wagle Ki Duniya) का पहला संस्करण भी देखा था। जो उस समय काफी पसंद किया गया था।
पर ‘वागले’ (Wagle Ki Duniya – Nayi Peedhi Naye Kissey) का यह नयी पीढ़ी नए किस्से पहले से भी अच्छा बन पड़ा है। कहने को यह हास्य धारावाहिक है। लेकिन इसे देखते हुए अक्सर आँखें भर आती हैं। इन दिनों इसमें सीरियल में वंदना वागले (Vandana Wagle) को कैंसर होने की कहानी चल रही है।
वंदना के रूप में अभिनेत्री परिवा प्रणति (Pariva Pranati) तो अपने शानदार अभिनय से दिलों में घर करने लगी हैं। यूं राजेश वागले (Rajesh Wagle) के रूप में सुमित राघवन (Sumeet Raghavan) हों या वागले परिवार के अंजन श्रीवास्तव (श्रीनिवास वागले) भारती अचरेकर (राधिका वागले) या सखी और अथर्वा के रूप में चिन्मयी सालवे और शीहान कपाही सभी अपना अभिनय बहुत अच्छा कर रहे हैं। अन्य कलाकारों में भी दीपक पारिक, भक्ति चौहान,अमित सोनी, विपुल देशपांडे और अंजू जाधव जैसे कलाकार भी काफी अच्छे हैं।
सीरियल को लेकर हमने जेडी मजीठिया (JD Majethia) से पूछा- पहले आपकी कोई भी कहानी एक या दो एपिसोड में सिमट जाती थी। लेकिन अब आपकी कहानियाँ कई कई एपिसोड तक चल रही हैं। इस पर मजीठिया कहते हैं- ‘’हमने कुछ बदलाव किया हैं। लंबी कहानी होने से दर्शक लगातार सीरियल के साथ जुड़े रहते हैं। लेकिन बीच बीच में हम छोटी कहानियाँ भी देंगे। अभी भी कैंसर की कहानी के साथ हम कुछ और छोटी छोटी कहानियाँ भी दे रहे हैं।
वंदना के कैंसर वाली कहानी कब तक चलेगी ? यह पूछने पर मजीठिया बताते हैं-यह कहानी लंबी इसलिए रखी है कि लोग कैंसर के प्रति सचेत हों, जागरूक हों। दर्शकों को यह कहानी काफी पसंद आ रही है। ऐसी कहानियाँ लोग दिखाते कहाँ हैं। हमारी यह कहानी दशहरे तक चलेगी। हमने कुछ ऐसा प्लान किया है कि दशहरे पर वंदना, रावण के साथ कैंसर को भी जला देगी।