यूनेस्को ने दी भारत के 2 शहरों को उपाधि, ग्वालियर को संगीत की नगरी और कोझिकोड को साहित्य की नगरी किया घोषित

यूनेस्को ने सृजनात्मक शहर नेटवर्क की अपनी नवीनतम सूची में केरल के कोझिकोड को साहित्यिक शहर घोषित किया है। कोझिकोड के अलावा ग्वालियर को इस नेटवर्क में संगीत के शहर के रूप में स्थान दिया गया है।
यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने 55 शहरों को विभिन्न सृजनात्मक क्षेत्रों के लिए नामित किया है। इनमें शिल्प और लोक कला, डिजाइन, फिल्म, साहित्य, मीडिया कला और संगीत जैसे क्षेत्र शामिल हैं। नामित शहरों का चयन उनकी विकास कार्य नीति में संस्कृति और सृजनात्मकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के आधार पर किया गया है।
यूनेस्को ने नव निर्दिष्ट शहरों को अगले वर्ष जुलाई में पुर्तगाल के ब्रागा में होने वाले सृजनात्मक शहर नेटवर्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित भी किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में कोझिकोड को ‘साहित्य की नगरी’ और ग्वालियर को ‘संगीत की नगरी’ के रूप में शामिल किए जाने की सराहना की है। श्री मोदी ने कोझिकोड और ग्वालियर के लोगों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोझिकोड की समृद्ध साहित्यिक विरासत से भारत की सांस्कृतिक जीवंतता वैश्विक मंच पर और भी अधिक चमक रही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर ने जिस प्रतिबद्धता के साथ संगीत की विरासत को संजोया और समृद्ध किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा;
“कोझिकोड की समृद्ध साहित्यिक विरासत से भारत की सांस्कृतिक जीवंतता वैश्विक मंच पर और भी अधिक चमक रही है और ग्वालियर की सुरीली विरासत अब प्रतिष्ठित ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क’ में शामिल हो गई है। कोझिकोड और ग्वालियर के लोगों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई!”
पीएम मोदी ने यह भी लिखा “अब जबकि हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दी गई इस मान्यता का जश्न मना रहे हैं, हमारा राष्ट्र हमारी विविध सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह सराहना हर उस व्यक्ति के सामूहिक प्रयासों को भी दर्शाती है जो हमारी अनूठी सांस्कृतिक गाथाओं को प्रोत्साहित और साझा करने के लिए समर्पित है।”
ग्वालियर के लिए पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा “ग्वालियर और संगीत का बहुत खास रिश्ता है। UNESCO से इसे सबसे बड़ा सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है। ग्वालियर ने जिस प्रतिबद्धता के साथ संगीत की विरासत को संजोया और समृद्ध किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। मेरी कामना है कि इस शहर की संगीत परंपरा और उसे लेकर लोगों का उत्साह और बढ़े, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इससे प्रेरणा मिलती रहे।”