BhuMeet: अब टैक्सी की तरह ड्रोन सेवा भी मिलेगी घर बैठें, PDRL ने किसानों के लिए लॉन्च किया भूमीट प्लेटफ़ॉर्म, हफ़्तों का काम घंटों में हो जाएगा पूरा
कृतार्थ सरदाना। देश में ड्रोन का इस्तेमाल काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। पीएम मोदी की ‘ड्रोन दीदी’ योजना ने इस तकनीक को गांव गांव तक पहुंचा दिया है। इसी को देखते हुए ड्रोन तकनीकी में अग्रणी इनोवेटर, पी.डी.आर.एल (PDRL Passenger Drone Research Private Limited) ने एक उन्नत SaaS (Software As A Service) प्लेटफ़ॉर्म भूमीट (भूmeet BhuMeet) के लॉन्च किया है।
यह प्लेटफॉर्म कृषि सम्बंधी छिड़काव और सर्वेक्षण जैसी आवश्यक ड्रोन सेवाओं तक पहुँचने और उनका प्रबंधन करने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भरोसेमंद ड्रोन सेवाओं का पता लगाने की मिलती है सुविधा
ड्रोन सेवा प्रदाताओं और किसानों के बीच की खाई को पाटकर, भूमीट भारत में ड्रोन छिड़काव संचालन के परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है। भरोसेमंद ड्रोन सेवाओं का पता लगाने और ऑपरेशनल वर्कफ़्लो को अनुकूलित करने के लिए भूमीट एक सहज एवं कुशल समाधान प्रदान करता है।
देश में 9 से 15 करोड़ किसान सक्रिय रूप से खेती में लगे हुए हैं
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इस पर लाखों लोगों की अपनी आजीविका के लिए निर्भर रहते हैं। भारत में ड्रोन तकनीक के एकीकरण के लिए बहुत संभावनाएँ हैं। विश्व बैंक के अनुसार, 2021 तक भारत में कृषि भूमि 17 लाख 80 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक फैली हुई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा किया गया कृषि परिवारों की स्थिति आकलन (SAAH) रिपोर्ट का अनुमान है कि 9 करोड़ से 15 करोड़ किसान सक्रिय रूप से खेती-किसानी में लगे हुए हैं, जिनमें छोटे किसानों से लेकर बड़े पैमाने पर खेती करने वाले भूमि मालिक तक शामिल हैं।
कृषि में ड्रोन का उपयोग सिर्फ छिड़काव तक सीमित नहीं
यह देखते हुए कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्यान्न, फल और सब्जियों का उत्पादक है, और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी है, कृषि में ड्रोन का उपयोग सिर्फ कीटनाशक छिड़काव तक सीमित नहीं है, बल्कि उससे कहीं आगे तक है। ड्रोन फसल निगरानी एवं स्वास्थ्य मूल्यांकन, सटीक कृषि, क्षेत्र मानचित्रण एवं सर्वेक्षण, फसल स्काउटिंग एवं निगरानी, रोपण एवं बीजारोपण, सिंचाई प्रबंधन, पशुधन निगरानी और कटाई के बाद के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इसके अलावा, जी20 कृषि प्रतिनिधियों के कृषि कार्य समूह (AWG) की बैठक ने चार प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया है: खाद्य सुरक्षा एवं पोषण, जलवायु-कुशल टिकाऊ कृषि, एक समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और कृषि रूपांतरण का डिजिटलीकरण। इन चर्चाओं ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को और अधिक बढ़ावा दिया है।
लॉन्च के अवसर पर पी.डी.आर.एल (PDRL) के संस्थापक एवं सीईओ अनिल चंडालिया (Anil Chandaliya) ने कहा, “भारत द्वारा अपने कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए उन्नत तकनीकों को अपनाना जारी है, इसलिए पी.डी.आर.एल (PDRL) में हम सब भूमीट (BhuMeet) को पेश करने पर गर्व महसूस करते हैं। भूमीट (BhuMeet) एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो किसानों के आवश्यक ड्रोन सेवाओं तक पहुँचने के तरीके को मौलिक रूप से बदल देगा।“
अनिल चंडालिया (Anil Chandaliya) ने आगे कहा “किसानों और विश्वसनीय सेवा प्रदाताओं के बीच की खाई को पाटकर, भूमीट (BhuMeet) न केवल परिचालन दक्षता को बढ़ाता है, बल्कि कृषि समुदाय को सशक्त बनाता है ताकि वे ड्रोन तकनीक की पूरी क्षमता का दोहन कर सकें। हमारा मानना है कि भूमीट (BhuMeet) उद्योग में नए मानक स्थापित करेगा और पूरे देश में कृषि को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
कृषि ड्रोन तकनीक में नए मानक स्थापित किए
पी.डी.आर.एल (PDRL) कृषि ड्रोन तकनीक में नए प्रयोगों के मामले में सबसे आगे है, जो अपने अभूतपूर्व समाधानों के साथ लगातार ऊंचे मानक स्थापित कर रहा है और अपेक्षाओं में वृद्धि कर रहा है। मार्च 2023 में पी.डी.आर.एल ने एयरोजीसीएस ग्रीन लॉन्च किया, जो भारत में बना एक गौरवशाली सॉफ़्टवेयर उत्पाद है। यह सॉफटवेयर तेज़ी से भारतीय ड्रोन निर्माताओं की पहली पसंद बन गया है। आज देश में लगभग 70 प्रतिशत टाइप-सर्टिफाइड कृषि ड्रोन अपने ड्रोन संचालन के लिए एयरोजीसीएस ग्रीन पर निर्भर हैं।
2023 में पी.डी.आर.एल (PDRL) ने एयरोजीसीएस एंटरप्राइज पेश किया, जो बड़े पैमाने पर ड्रोन संचालन को कारगर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया एक परिष्कृत प्लेटफ़ॉर्म है। एयरोजीसीएस एंटरप्राइज व्यापक छिड़काव गतिविधियों का प्रबंधन करने में सक्षम बनाता है और विस्तृत फ्लाइट लॉग्स और व्यावहारिक परफॉरमेंस मेट्रिक्स प्रदान करता है।
ड्रोन से भूमि का क्षेत्रफल और मेट्रिक्स की गणना की मिलती है सुविधा
यह प्लेटफ़ॉर्म ड्रोन सेवा प्रदाताओं को आसानी से भूमि का क्षेत्रफल और अन्य महत्वपूर्ण मेट्रिक्स की गणना करने में सक्षम बनाता है, तथा बड़े उद्यम भागीदारों को सटीक बिलिंग जानकारी और प्रदर्शन रिपोर्ट प्रदान करता है। एयरोजीसीएस एंटरप्राइज द्वारा संचालित बड़े पैमाने पर ड्रोन छिड़काव संचालन ड्रोन सेवा प्रदाताओं को ठोस लाभ प्रदान करते हैं।
हफ़्तों में पूरे होने वाले काम अब घंटों में पूरे हो जाएँगे
ड्रोन छिड़काव में क्रांति लाने की अपनी यात्रा को जारी रखते हुए, पी.डी.आर.एल (PDRL) एक नया उत्पाद – भूमीट (BhuMeet) लाया है, जिसे ड्रोन सेवा प्रदाताओं को किसानों से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म ड्रोन छिड़काव संचालन को और भी आसान बनाएगा, जिससे पहले हफ़्तों में पूरे होने वाले कार्य अब सिर्फ़ कुछ घंटों में पूरे हो जाएँगे।
पीएम मोदी की ‘किसान ड्रोन’ और ‘ड्रोन दीदी’ योजना कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 में शुरू की गई ‘किसान ड्रोन योजना’ और 2023 में ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ पूरे भारत में कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य छिड़काव जैसे कार्यों को सुव्यवस्थित करने, श्रम एवं समय निवेश को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए ड्रोन का उपयोग करके किसानों को सशक्त बनाना है। सरकार इस पहल के इष्टतम उपयोग की सुविधा प्रदान करते हुए किसानों को सहायता प्रदान करती है।
किसानों को विश्वसनीय ड्रोन सेवा प्रदाताओं से जोड़ना
ऐसे युग में जहाँ ड्रोन विभिन्न कार्यों के लिए तेजी से महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं, भूमीट (BhuMeet) किसानों और ड्रोन सेवा प्रदाताओं के बीच जुड़ाव को सुव्यवस्थित करने के लिए एक व्यापक समाधान के रूप में उभर कर आया है। ड्रोन सेवा प्रदाताओं के लिए, यह प्लेटफ़ॉर्म उनकी पहुँच का विस्तार करने, संभावित ग्राहकों से जुड़ने और बेहतर सेवा प्रबंधन के माध्यम से व्यवसाय विकास को बढ़ावा देने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
सभी उपयोगकर्ताओं के लिए एक सहज अनुभव भूमीट (BhuMeet) को ड्रोन सेवा प्रदाताओं, पायलटों और किसानों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो इसमें शामिल सभी पक्षों के लिए एक सुव्यवस्थित और यूजर-फ्रेंडली अनुभव प्रदान करता है।