Karnataka Elections2023: कर्नाटक पर किसका राज, यह फैसला होगा आज

224 विधानसभा सीट के लिए 2615 प्रत्याशी मैदान में

  • प्रदीप सरदाना

    वरिष्ठ पत्रकार

कर्नाटक विधानसभा के लिए आज सुबह 7 बजे मतदान शुरू हो गया है। कर्नाटक की 224 विधानसभा सीट के लिए 2615 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाने के लिए मैदान में हैं।

हालांकि मतदाताओं ने किस किस प्रत्याशी को विजयी बनाया और कर्नाटक में किसकी सरकार बनती है, इसका नतीजा 13 मई को आएगा। यूं आज शाम को आए एग्जिट पोल से एक अनुमान हो सकता है कि यहाँ किसकी सरकार बनेगी। लेकिन कई बार चुनाव विश्लेषण और एग्जिट पोल के नतीजे भी काफी उलट फेर होते रहे हैं।

कर्नाटक विधानसभा के पुराने इतिहास को देखा जाये तो यहाँ 1985 के बाद कोई भी सरकार फिर से सत्ता में नहीं आई है। इस बार यह देखना दिलचस्प रहेगा कि इतिहास इस बार बदलता है या पुरानी परंपरा कायम रहती है। वैसे इस बार यह पेच भी है कि पिछली बार मई 2018 में चुनाव के बाद यहाँ किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला।

जिससे कर्नाटक में सरकार बनाने का नाटक बहुत दिन तक चलता रहा। नतीजों के कुछ दिन बाद 23 मई को जेड़ी एस ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। लेकिन 429 दिन बाद यहाँ भाजपा ने सरकार बनाने में सफलता पा ली। इसलिए पिछले विधानसभा में तीनों प्रमुख दलों की सरकार रही, तो वापसी होगी तो इन तीनों में से ही किसी की।

असल में पिछली बार जनादेश में सर्वाधिक 104 सीट भाजपा को मिली थीं। उसके बाद 80 सीट कांग्रेस को और 37 सीट जेड़ी एस को। लेकिन इसे राजनीति का खेल कहें या कुछ और कि सर्वाधिक सीट पाने वाली भाजपा पहले सरकार नहीं बना सकी। जबकि सबसे कम 37 सीट पाने वाले जेड़ी एस के एच ड़ी कुमारास्वामी ने, कांग्रेस के साथ मिल अपने नेतृत्व में यहाँ सरकार का गठन कर लिया।

कुमारास्वामी एक साल 64 दिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। लेकिन बाद में भाजपा ने अपना दांव खेल खेलकर, 26 जुलाई 2019 को अपनी सरकार बना ली। पहले भाजपा के सीएम रहे बीएस येदियूरप्पा। लेकिन 28 जुलाई 2021 को भाजपा ने येदियूरप्पा की जगह बसावराज बोम्मई को कर्नाटक का सीएम बना दिया।

इस बार यहाँ चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक ड़ी है। जेड़ी एस भी जो कर सकता था उसने किया। कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने तो खूब प्रचार किया ही। एक जन सभा सोनिया गांधी ने भी की। लेकिन प्रचार के दौरान खड्गे और उनके पुत्र प्रियांक ने पीएम मोदी को जहरीला साँप और नालायक जैसे अभद्र शब्द बोलने से मामला गरमा गया।

उधर कांग्रेस ने पीएफआई की तुलना बजरंग दल से करके और इन दोनों दलों पर प्रतिबंध लगाने से, कांग्रेस सेल्फ गोल करती नज़र आई। भाजपा ने कांग्रेस की गाली और बजरंगीबली के मसले को उठाकर, विपक्ष के लिए मुश्किल खड़ी कर दी।

उधर पीएम मोदी की रैलियों और सभाओं में कर्नाटक की जनता की दीवानगी ऐसी दिखी की सभी दंग रह गए। मोदी ने कर्नाटका चुनाव प्रचार में 7 दिन में अपने 25 चुनावी कार्यक्रम करके अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है।

पीएम मोदी ने कर्नाटक के 31 में से 19 जिलों में अपनी 19 जन सभाओं और 6 रोड शो से 164 विधानसभा को कवर कर लिया। मोदी के रोड शो और सभाओं में जनता जिस तरह उमड़ रही थी, वह तो बस देखते बनता था। उसे देख तो लगता है कि कर्नाटक में मोदी के लिए इतना प्रेम और सम्मान है कि भाजपा अपनी विजय पताका फहरा सकती है।

 

 

 

 

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