International Museum Expo 2023: पीएम मोदी 18 मई को दिल्ली में करेंगे अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी 2023 का उद्घाटन, ऐतिहासिक आयोजन से संग्रहालयों को मिलेगा नया शिखर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 मई को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी 2023 का उद्घाटन करेंगे। इसकी घोषणा केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) मंत्री जी. के. रेड्डी ने बुधवार नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में की। उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रदर्शनी अपनी तरह का पहला और व्यापक है जो तीन दिनों तक चलेगा।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान जी. किशन रेड्डी ने कहा, “प्रगति मैदान में आगामी तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी 2023 एक ऐतिहासिक आयोजन है क्योंकि ऐसा पहली बार होगा जब सरकार इस दौरान संग्रहालयों के विकास के लिए नई तकनीक और पहल का प्रदर्शन करेगी। इसमें संग्रहालय विकास, विशेषज्ञ और वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों की मदद से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय ने अब तक 383 संग्रहालयों की स्थापना की है। इनमें से 145 संग्राहलयों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और विज़न के तहत पिछले 9 वर्षों के दौरान शुरू किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी 2023 अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन है, जो न केवल भारतीय पेशेवरों बल्कि दुनिया भर के विशेषज्ञों को इसकी कार्यशालाओं और मास्टर कक्षाओं में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है।”

इस अवसर पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 2014 से श्रेणी 2 के शहरों में आम जनता विशेषकर युवाओं को अपनी संस्कृति और विरासत से जोड़ने के लिए नए संग्रहालय भी खोले जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी न केवल भारत की सॉफ्ट पावर का प्रदर्शन करेगा बल्कि अर्थव्यवस्था और ज्ञान के बीच की खाई को पाटने के साधन के रूप में भी काम करेगा।

इस मौके पर विवरण पुस्तिका (ब्रोशर) का विमोचन भी किया गया। संग्रहालय को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए बड़ी हस्तियों ने एक मोबाइल वैन “म्यूजियम ऑन व्हील्स” को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस प्रदर्शनी का उद्देश्य समग्र बातचीत को सुविधाजनक बनाना और देश भर के विभिन्न संग्रहालयों द्वारा प्रदर्शित विविध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना है। यह तीन दिवसीय आयोजन 18 से 20 मई तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में होगा।

यह पहल आजादी का अमृत महोत्सव के दूसरे चरण के तहत 47वें अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने के लिए की गई है। यह कार्यक्रम संग्रहालय के पेशेवरों और उत्साही लोगों को विचारों और अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान करने और विभिन्न संस्कृतियों को जानने और समझने को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करेगा।

सरकारी अधिकारियों, संग्रहालय पेशेवरों, संबद्ध सेवा-प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, शिक्षाविदों, राष्ट्रीय स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर तक के स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख हस्तियां इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगी।

इस तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी के दौरान विभिन्न विषयों (थीम) वाले संग्रहालयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिनकी संभावनाओं की तलाश कार्यशालाओं, सेमिनारों, मास्टर कक्षाओं, पैनल चर्चाओं और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से की जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय पेशेवरों, राजनयिकों, क्यूरेटरों, सलाहकारों, शिक्षाविदों और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों को इन गतिविधियों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा, “संग्रहालय के हितधारकों और पेशेवरों के साथ एक व्यापक बातचीत शुरू करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी आयोजित करना एक बेहतरीन अवसर है। इससे संग्रहालयों को लेकर नीति-निर्माण और एक सहक्रियाशील तथा व्यापक तरीके से लोगों की प्रोग्रामिंग और संग्रहालय पेशेवरों पर बने संग्रहालयों को क्यूरेट करने का रास्ता बनेगा।

इस प्रदर्शनी की प्रमुख विशेषताओं में से एक हैं 7 मास्टरक्लास और 11 पैनल चर्चाएं जो आयोजन के तीन दिनों के दौरान होंगी। इस मास्टरक्लास में लेक-डेम (व्याख्यान-प्रदर्शन) प्रारूप में वैश्विक विशेषज्ञों के नेतृत्व में संग्रहालयों के कामकाज से संबंधित विशिष्ट विषय वस्तु पर बातचीत होगी। पैनल चर्चाओं में भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय विशेषज्ञ और सलाहकार शामिल हैं, जो ग़ैर-परंपरागत संग्रहालयों, सभी के लिए क्यूरेटिंग और संग्रहालयों में वित्तीय और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे विषयों की विशेषज्ञता रखते हैं। इसमें विज़न 2047 नामक एक मंत्रिस्तरीय पैनल भी है जिसमें 12 राज्यों के संस्कृति मंत्री अपने राज्य में संग्रहालयों के विकास के लिए अपने दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्त, सचिव स्तर के पैनल में भारत सरकार के 9 सचिवों या अन्य मंत्रालयों/विभागों के सचिव-समकक्षों की भागीदारी होगी जो संग्रहालयों के लिए धन भी जुटाते हैं, संग्रहालय को क्यूरेट और विकसित भी करते हैं।

इस प्रदर्शनी का एक विशिष्ट घटक टेक्नो मेला है जिसे संग्रहालय बनाने की इच्छा रखने वालों और इसके लिए विशेष सेवाएं प्रदान करने वाले तकनीकी विक्रेताओं के बीच बी2बी नेटवर्किंग की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया है।

इस पहलू में राष्ट्रीय स्तर से सामुदायिक स्तर तक कुछ संग्रहालयों के प्रदर्शन के साथ-साथ प्रकाश और तकनीकी उपकरण विक्रेता शामिल हैं। 55 से ज्यादा विक्रेताओं/संस्थानों में से, इस खंड के कुछ प्रमुख प्रतिभागियों में भारतीय नौसेना, राष्ट्रीय रेल संग्रहालय, आई2आई परामर्श, अथाह इन्फोटेक, वराह, लायन इंडिया, गोदरेज, डेकोन लाइटिंग आदि शामिल हैं।

अंत में, 100 से अधिक छात्रों ने संरक्षण को लेकर इस 3 दिवसीय गहन कार्यक्रम के लिए साइन अप किया है, जहां वे कागज, कपड़ा, और चर्म प्रसाधन के निवारक संरक्षण के बारे में जानेंगे। उन्हें इस क्षेत्र में करियर की संभावनाओं से अवगत कराया जाएगा और नियोक्ताओं से भी परिचय कराया जाएगा।

इस कार्यक्रम में मंच पर संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन और पत्र सूचना कार्यालय की अतिरिक्त महानिदेशक नानू भसीन भी मौजूद थी।

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