Jadugar Shankar: भारत के नंबर वन जादूगर शंकर ने रखा ज़िंदगी के 75 वें वर्ष में कदम, आगे भी इसी उत्साह से जारी रखेंगे अपने जादुई शो
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक
प्रख्यात जादूगर सम्राट शंकर (Jadugar Samrat Shankar) ने गत 6 सितंबर को अपने जीवन के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर लिया। सम्राट शंकर (Samrat Shankar) भारत के तो शिखर के जादूगर हैं ही। साथ ही उनकी जादू कला की धूम दुनिया के कई देशों में है। विश्व के जाने माने जादूगर फ्रांस हरारे (Magician France Harare) भी जादूगर शंकर (Magician Shankar) के जादू से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके।
भारत से ही जादू कला दुनिया भर में पहुंची
जादू देश की 64 प्राचीन कलाओं में से एक है। भारत से ही शुरू होकर यह कला दुनिया भर में पहुंची। जादूगर शंकर (Jadugar Shankar) से पहले गोगिया पाशा (Gogia Pasha) और पीसी सरकार सीनियर (P. C. Sorcar Senior) जैसे कुछ दिग्गज जादूगरों ने अपनी जादू कला से बच्चों-बड़ों सभी का ध्यान खींचा।
मंच से लेकर फिल्मों तक पूरे विश्व में जादू जादू हो गया। यहाँ तक देश के कुछ राजनेताओं ने भी कई बार कहा- ‘’उनके हाथ में कोई जादू की छड़ी नहीं है, जो पलक झपकते ही समस्या दूर हो जाएगी।‘’ हालांकि अब यह जादू कला कई अन्य देशों में तो खूब फल फूल रही है। लेकिन अपने देश में यह लुप्त होने के कगार पर है।
मोबाइल-टैबलेट पर केन्द्रित युवाओं का जादू प्राचीन कला से कोसों दूर
यूं देश में अब भी कुछ जादूगर अपने छोटे बड़े जादुई शो करते रहते हैं। कुछ युवाओं ने भी इस कला को अपनाया है। लेकिन उनकी जादू कला नयी तकनीक या गणित पर केन्द्रित है। मोबाइल, लैपटॉप और टैबलेट पर केन्द्रित उनका जादू भारत की प्राचीन जादू कला से कोसों दूर है। आधुनिक समय में ऐसे आधुनिक जादू का होना भी अच्छी बात है। लेकिन हमारी प्राचीन जादू कला का अस्तित्व भी बरकरार रहे यह भी जरूरी है।
जादूगर शंकर के लिए वर्ष 2024 है बेहद खास
इस बात की प्रसन्नता है कि जादूगर शंकर (Jadugar Shankar) प्राचीन जादू कला के संरक्षण में बरसों से जुटे हैं। वर्ष 2024 तो उनके लिए बेहद खास है। क्योंकि 6 सितंबर 1950 को हरियाणा के एलनाबाद में जन्मे जादूगर शंकर (Jadugar Shankar) जहां अब ज़िंदगी के 74 बरस पूरे कर अपने 75 वें वर्ष में कदम रख चुके हैं। वहाँ उनकी जादू कला का भी यह स्वर्ण जयंती वर्ष है।
1974 में पहली बार किया था अपना जादुई शो
सम्राट शंकर (Jadugar Samrat Shankar) ने अपने जादू का मंच पर पहला प्रदर्शन 1974 में किया था। बस उसके बाद शंकर (Jadugar Shankar) ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह अपनी भव्य जादू कला में इतने आगे निकल गए कि उन्हें जादूगर शंकर (Jadugar Shankar) कि जगह जादूगर सम्राट शंकर (Jadugar Samrat Shankar) कहा जाने लगा।
भारत के नंबर वन जादूगर शंकर
जादूगर शंकर (Jadugar Shankar) को भारत का नंबर वन जादूगर (India’s No.1 Magician) कहा जाता है। क्योंकि वह देश के अकेले ऐसे जादूगर हैं जिनकी जादू कला को जहां देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री पद पर आसीन हस्तियाँ भी देख चुकी हैं। वहाँ देश के कितने ही राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और फिल्म सितारे भी उनके जादू से अभिभूत हो चुके हैं।
75 की उम्र में भी कायम है पुराना उत्साह
अभी तक कुल 30 हज़ार छोटे बड़े जादुई शो कर चुके सम्राट शंकर (Jadugar Shankar) ने करीब 10 हज़ार शो तो चैरिटी के लिए किए। फिर उनकी जादुई गति तो बेमिसाल है। बड़ी बात यह भी है कि अपनी 75 की उम्र में भी वह अपने जादुई शो उसी उत्साह के साथ कर रहे हैं जैसे 50 बरस पहले करते थे।
मैं 30 बरस से देख रहा हूँ शंकर का जादू
मैं स्वयं जादूगर शंकर (Jadugar Shankar) के शो को करीब 30 बरस से देख रहा हूँ। वह मेरे गिने-चुने घनिष्ठ मित्रों में से हैं। साथ ही मैं उन्हें अब तक कितनी ही बार इंटरव्यू कर चुका हूँ। उन पर टीवी शो और वृत्त चित्र भी बना चुका हूँ। अब जब 6 सितंबर को शंकर (Jadugar Shankar) ने अपने परिवार के साथ अपना 74 वां जन्म दिन मनाया तो उनके चेहरे पर खुशी और सादगी के साथ उपलब्धियों के भाव साफ देखे जा सकते थे। जब मैंने उन्हें जन्म दिन की बधाई दी तो वह बोले-‘’आपके प्रेम, स्नेह और शुभकामनाओं से मुझे सुखद अनुभूति के साथ आत्मबल भी मिलता है। बस आगे भी अपनी इस जादुई यात्रा को ऐसे ही जारी रख सकूँ यही तमन्ना है।‘’