नए संसद भवन को राजनाथ सिंह ने बताया 21वीं सदी की ऐतिहासिक घटना, कहा राजनीतिक विरोध के अनेक अवसर आयेंगे, संसद या राष्ट्रपति को विवाद में शामिल ना करें
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से संसद या राष्ट्रपति को किसी भी तरह के विवाद में शामिल करने से बचने का आग्रह किया है। एक ट्वीट संदेश में आज 26 मई को उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नया संसद भवन भारत के लोकतांत्रिक संकल्प तथा 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं की एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति के रूप में तैयार हुआ है।
रक्षा मंत्री ने कहा “संसद भवन का उदघाटन एक ऐतिहासिक अवसर है जो अब 21वीं सदी में दोबारा नही आने वाला है। इस शुभ अवसर पर संसद या राष्ट्रपति को विवाद में लाने से किसी को भी बचना चाहिए।”
उद्घाटन समारोह के बारे में स्पष्ट करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि यह समारोह नए संसद भवन के आधिकारिक उद्घाटन का अवसर है और कोई संसदीय सत्र नहीं बुलाया गया है।
रक्षा मंत्री ने इस समारोह का बहिष्कार करने वाले राजनीतिक दलों से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने और समारोह में भाग लेने का आग्रह किया। राजनाथ सिंह ने अपनी ट्वीट में कहा “राजनीतिक विरोध के अनेक अवसर आते जाते रहेगें। मैं यही आग्रह करूंगा कि, जिन दलों ने समारोह के बहिष्कार का निर्णय लिया है, वे अपने फैसले पर राजनीतिक लाभ हानि से परे जाकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और इस समारोह में भाग लेकर ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें।”